भरदे रे श्याम झोली भरदे (Bharde Re Shyam Jholi Bhar De)

भरदे रे श्याम झोली भरदे,

भरदे, ना बहला ओ बातों में,

ना बहला ओ, बातों में ॥


नादान है अनजान हैं,

श्याम तू ही मेरा भगवान है,

तुझे चाहूं तुझे पाऊं,

मेरे दिल का यही अरमान है,

पढ़ ले रे श्याम दिल की पढ़ले,

सब लिखा है आंखों में,

​भरदे रे श्याम झोली भरदे ॥


दिन बीते बीती रातें,

अपनी कितनी हुई रे मुलाकातें,

तुझे जाना पहचाना,

तेरे झूठे हुए रे सारे वादे,

भूले रे श्याम तुम तो भूले,

क्या रखा है बातों में,

​भर दे रे श्याम झोली भरदे ॥


मेरी नैया ओ कन्हैया,

पार करदे तू बनके खिवैया,

मैं तो हारा, गम का मारा,

आजा आजा ओ बंशी के बजैया,

लेले रे श्याम अब तो लेले,

लेले, मेरा हाथ हाथों में,

​भर दे रे श्याम झोली भरदे ॥


मैं हूं तेरा तू है मेरा,

मैंने डाला तेरे दर पे डेरा,

मुझे आस है विश्वास है,

श्याम भर देगा दामन तु मेरा,

झूमें रे श्याम ‘नन्दू’ झूमें,

झूमें, तेरी बांहों में,

भर दे रे श्याम झोली भरदे ॥


​भरदे रे श्याम झोली भरदे,

भरदे, ना बहला ओ बातों में,

ना बहला ओ, बातों में ॥

........................................................................................................
गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी का संबंध

मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का विशेष संबंध सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। मोक्षदा एकादशी, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है।

हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करो(Hey Saraswati Maa Gyan Ki Devi Kirpa Karo)

हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो

राधा रानी को भयो अवतार बधाई बाज रही(Radha Rani Ko Nhayo Avtar)

राधा रानी को भयो अवतार,
बधाई बाज रही,

दत्तात्रेय जयंती कब है?

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का बेहद खास महत्व है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का अंश माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।