भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,
में हाँ तेरे दीदार, कि मैं आऊंगा
कभी न फिर जाऊँगा
भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,
शेरावालिये नी, माता ज्योता वालिए
नी सच्चियाँ ज्योता वालिए, लाटा वालिए
भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,
तेरे ही दर के हैं हम तो भिखारी,
जाएं कहाँ यह दर छोड़ के, हाँ छोड़के ।
तेरे ही संग बँधी भक्तों ने डोरी,
सारे जहाँ से नाता तोड़ के, हाँ तोड़के ॥
शेरावालिये नी माता ज्योता वालिए
भवना वालिए नी माता लाटा वालिए
भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,
फूलों में तेरी ही खुशबु है मैया,
चंदा में तेरी ही चांदनी, हाँ चांदनी ।
तेरे ही नूर से है नैनो की ज्योतियाँ,
सूरज में तेरी ही रौशनी, हाँ रौशनी ॥
शेरावालिये नी, माता ज्योता वालिए
नी सच्चियाँ ज्योता वालिए, लाटा वालिए
भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,
भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,
में हाँ तेरे दीदार, कि मैं आऊंगा
कभी न फिर जाऊँगा
भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,
शेरावालिये नी, माता ज्योता वालिए
नी सच्चियाँ ज्योता वालिए, लाटा वालिए
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला ऋषि पंचमी पर्व हमारे जीवन में पवित्रता और ज्ञान का संगम है।
हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।
Skanda Sashti 2024: भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 08 सितंबर को रात 07 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 09 सितंबर को रात 09 बजकर 53 मिनट पर होगा। ऐसे में स्कंद षष्ठी का पर्व 09 सितंबर को मनाया जाएगा।
हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण और राधा को प्रेम का प्रतीक माना गया है।