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भोला भाला तू अंजनी का लाला (Bhola Bhala Tu Anjani Ka Lala)

भोला भाला तू अंजनी का लाला (Bhola Bhala Tu Anjani Ka Lala)

भोला भाला तू अंजनी का लाला,

है बजरंग बाला,

बड़ा तेरा नाम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है,

मतवाला है संकट टाला,

भक्तों का रखवाला,

पावन तेरा धाम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है ॥


पवनपुत्र सब तुझको है कहते,

सूरज का भक्षण हारा,

शनिदेव को तुमने हराया,

वज्र इंद्र ने था मारा,

है गदाधारी है गदाधारी,

तू बलकारी,

सारे जग से न्यारा,

है दुख भजन,

है केसरीनंदन,

काटे सभी बंधन,

यही तेरा काम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है ॥


तुमने सिया और राम मिलाए,

फूंकी रावण की लंका,

अक्षय और अहिरावन को मारा,

युद्ध का बजाया डंका,

सुरषा जैसी सुरषा जैसी,

डायन मारी,

मार तुम्हारी भारी,

है निराला,

तू जग का उजाला,

राम की माला

रटे सुबह शाम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है ॥


भोला भाला तू अंजनी का लाला,

है बजरंग बाला,

बड़ा तेरा नाम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है,

मतवाला है संकट टाला,

भक्तों का रखवाला,

पावन तेरा धाम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है ॥

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होलिका दहन की राख शुभ है या अशुभ?

होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत और भक्ति की शक्ति को दर्शाता है। कुछ जगह मान्यता है कि होलिका में राक्षस हिरण्यकश्युप की बहन होलिका जल गईं थीं इसलिए ये अशुभता का प्रतीक है।

होली पर करें इन देवी देवताओं की पूजा

होली का त्योहार प्रेम, एकता और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है और कई आध्यात्मिक कहानियों से जुड़ा हुआ है।

छोटी होली और बड़ी होली में अंतर

होली भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व रंगों, खुशियों और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है।

किसे नहीं देखना चाहिए होलिका दहन

होली का त्योहार जितना रंगों और उमंग से भरा होता है, उतनी ही महत्वपूर्ण इससे जुड़ी धार्मिक परंपराएं भी हैं। होलिका दहन एक पौराणिक परंपरा है, जो बुराई के अंत और अच्छाई की जीत का प्रतीक मानी जाती है।

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