भोला भाला तू अंजनी का लाला (Bhola Bhala Tu Anjani Ka Lala)

भोला भाला तू अंजनी का लाला,

है बजरंग बाला,

बड़ा तेरा नाम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है,

मतवाला है संकट टाला,

भक्तों का रखवाला,

पावन तेरा धाम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है ॥


पवनपुत्र सब तुझको है कहते,

सूरज का भक्षण हारा,

शनिदेव को तुमने हराया,

वज्र इंद्र ने था मारा,

है गदाधारी है गदाधारी,

तू बलकारी,

सारे जग से न्यारा,

है दुख भजन,

है केसरीनंदन,

काटे सभी बंधन,

यही तेरा काम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है ॥


तुमने सिया और राम मिलाए,

फूंकी रावण की लंका,

अक्षय और अहिरावन को मारा,

युद्ध का बजाया डंका,

सुरषा जैसी सुरषा जैसी,

डायन मारी,

मार तुम्हारी भारी,

है निराला,

तू जग का उजाला,

राम की माला

रटे सुबह शाम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है ॥


भोला भाला तू अंजनी का लाला,

है बजरंग बाला,

बड़ा तेरा नाम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है,

मतवाला है संकट टाला,

भक्तों का रखवाला,

पावन तेरा धाम है,

कि तेरे हृदय में बसे सियाराम है ॥

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मेरो मॅन लग्यॉ बरसाने मे (Mero Man Lagyo Barsane Mei Jaha Viraje Radharani)

बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा
बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा

नंदभवन में उड़ रही धूल(Nand Bhavan Me Ud Rahi Dhul)

नंदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे ॥

विनायक चतुर्थी की पौराणिक कथाएं

हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का व्रत किया जाता है। इस खास अवसर पर गणपति की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष प्रकार का व्रत भी किया जाता है।

विवाह पंचमी की कथा क्या है

सनातन धर्म में विवाह पंचमी का दिन सबसे पवित्र माना गया है। क्योंकि यह वही दिन है, जब माता सीता और प्रभु श्री राम शादी के बंधन में बंधे थे। पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी का त्योहार हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है।

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