भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥
यहाँ ब्रह्मा चले वहाँ विष्णु चले,
माँ लक्ष्मी का मन भी मगन हो गया,
भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥
यहाँ सूरज चले वहाँ चंदा चले,
वहाँ तारो का मन भी मगन हो गया,
भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥
यहाँ राम चले सीता लक्ष्मण चले,
वहाँ हनुमत का मन भी मगन हो गया,
भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥
यहाँ कृष्ण चले वहाँ राधा चले,
वहाँ मीरा का मन भी मगन हो गया,
भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥
भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥
महाकाल नाम जपिये,
झूठा झमेला झूठा झमेला,
महाकाल नाम जपिये,
झूठा झमेला झूठा झमेला,
विवाह पंचमी के अवसर पर वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम और भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है।
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाया जाने वाला पवित्र पर्व है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है।