शिव है दयालु, शिव है दाता
शिव पालक है इस श्रिष्टि के
भोले भंडारी, ओ
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जय जय विश्वनाथ शंभु
जय जय नीलकंठ शंभु
जय जय चन्द्र भाल शंभु
जय जय महाकाल शंभु
मायापति की माया का अंत होता ही नहीं
उनके द्वारे किसी बात की कमी नहीं
बस भावना के उनको दो फूल अर्पण कीजिये
देवो के देव से फिर चाहे जो भी लीजिये
कोई तीनों लोक में ऐसा और दाता ना
जिनके शिवालय से तो खाली कोई जाता ना
भक्तो के, हो
सब भक्तो के सपने वो साकार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जय जय विश्वनाथ शंभु
जय जय नीलकंठ शंभु
जय जय चन्द्र भाल शंभु
जय जय महाकाल शंभु
शिव चरणों में अपने ये सर झुका के देखिये
काया पलट देंगे शिव, आज़माके देखिये
महादेव डमरू वाले की लीला ही महान है
बड़े बड़े महा दानी लेने आते दान है
भस्मीरमाए बैठे जो है कैलाश में
वो ही छुपे भक्तो के मन के विश्वास में
ना जाने, हो
ना जाने वो कब किसपे उपकार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
भोले भंडारी, ओ
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
मार्गशीर्ष माह की दुर्गाष्टमी का दिन मां दुर्गा की आराधना और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस साल मार्गशीर्ष दुर्गाष्टमी 8 दिसंबर 2024, रविवार को पड़ रही है।
हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत के साथ उन्हें विशेष भोग अर्पित करने का विधान है।
मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों में से एक है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं।
उधम ऐसो मच्यो बृज में,
सब केसर उमंग मन सींचे,