भोले डमरू वाले तेरा, सच्चा दरबार है (Bhole Damru Wale Tera Saccha Darbar Hai)

भोले डमरू वाले तेरा,

सच्चा दरबार है,

तेरी जय जयकार भोले,

तेरी जय जयकार है ॥


भक्तों के खातिर,

कलयुग में आए,

महिमा इनकी,

सब देव गाए,

अपने भगत के लिए,

करते चमत्कार है,

तेरी जय जयकार भोले,

तेरी जय जयकार है ॥


आवाज जिसने,

दिल से लगाई,

बिगड़ी हुई को,

पल में बनाई,

दीन और दुखी के लिए,

हरदम तैयार है,

तेरी जय जयकार भोले,

तेरी जय जयकार है ॥


दरबार तेरा,

सबसे निराला,

कलयुग में तेरा,

है बोल बाला,

‘बनवारी’ चरणो में,

करता नमस्कार है,

तेरी जय जयकार भोले,

तेरी जय जयकार है ॥


भोले डमरू वाले तेरा,

सच्चा दरबार है,

तेरी जय जयकार भोले,

तेरी जय जयकार है ॥


........................................................................................................
दत्तात्रेय जयंती कब है?

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का बेहद खास महत्व है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का अंश माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है।

जिनके हृदय हरि नाम बसे(Jinke Hriday Hari Naam Base)

जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।

महल को देख डरे सुदामा (Mahal Ko Dekh Dare Sudama)

महल को देख डरे सुदामा
का रे भई मोरी राम मड़ईया

लाज रखो हे कृष्ण मुरारी (Laaj Rakho Hey Krishna Murari)

लाज रखो हे कृष्ण मुरारी,
हे गिरधारी हे बनवारी,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने