भोले की किरपा से हमरे, ठाठ निराले है (Bhole Ki Kripa Se Hamare Thaat Nirale Hai)

भोले की किरपा से हमरे,

ठाठ निराले है,

हम बाबा वाले है,

सुनो जी हम बाबा वाले है ॥


भजनों को तेरे गा कर,

मैं तो मस्ती में रहता,

रस्ते में जो भी मिलता,

हर हर बम बम ही कहता,

कदम कदम पर बन जाते,

भोले रखवाले है,

हम बाबा वाले है,

सुनो जी हम बाबा वाले है ॥


भोले ने जो भी दिया है,

उसे व्यर्थ ना यूँ ही गंवाओ,

भोले की भक्ति करके,

थोड़ा सा कर्ज चुकाओ,

‘श्याम’ का सारा जीवन,

भोले तेरे हवाले है,

हम बाबा वाले है,

सुनो जी हम बाबा वाले है ॥


भोले की किरपा से हमरे,

ठाठ निराले है,

हम बाबा वाले है,

सुनो जी हम बाबा वाले है ॥


........................................................................................................
भाद्रपद शुक्ल की वामन एकादशी (Bhadrapad Shukal Ke Vaman Ekadashi )

इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन ने कहा- भगवन्! अब आप कृपा कर मुझे भाद्र शुक्ल एकादशी के माहात्म्य की कथा सुनाइये और यह भी बतलाइये कि इस एकादशी का देवता कौन है और इसकी पूजा की क्या विधि है?

श्री संतोषी माता चालीसा (Shri Santoshi Mata Chalisa)

श्री गणपति पद नाय सिर , धरि हिय शारदा ध्यान ।
सन्तोषी मां की करूँ , कीरति सकल बखान ।

पहले ध्यान श्री गणेश का, मोदक भोग लगाओ (Pehle Dhyan Shree Ganesh Ka Modak Bhog Lagao)

पहले ध्यान श्री गणेश का,
मोदक भोग लगाओ,

दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें

दुर्गा सप्तशती का पाठ देवी दुर्गा की कृपा पाने का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली माध्यम है। इसे 'चंडी पाठ' के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो देवी दुर्गा की महिमा, उनकी विजय और शक्ति का वर्णन करते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने