भोले तेरी कृपा से
युग आते युग जाते है
युगो युगो से ब्रह्मा विष्णु
हे शिव तेरे गुण गाते है।।
हर युग का तू रचयिता है
हर पल तू संग रहता है
करमो का फल तू देता है
बदले मे कुछ ना लेता है।।
ओ भोले सबसे निराले तेरे काम
भोले सबसे निराले तेरे काम।।
भोले तेरी कृपा से
युग आते युग जाते है
युगो युगो से ब्रह्मा विष्णु
हे शिव तेरे गुण गाते है।।
हिंदू संस्कृति में मनुष्य के जीवन के अलग अलग पड़ावों को संस्कारों के साथ पवित्र बनाया जाता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है विद्यारंभ संस्कार । यह संस्कार बच्चों के जीवन में शिक्षा की शुरुआत का प्रतीक है।
भारतीय परंपरा में संगीत को आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति का साधन माना जाता है। इसलिए जब कोई व्यक्ति संगीत सीखने की शुरुआत करता है, तब वो एक संगीत प्रारंभ पूजा करता है।
कला को साधना कहा जाता है , क्योंकि यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मा की एक गहरी यात्रा होती है। चाहे वह संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, नाटक या किसी अन्य रूप में हो।
भारत देश में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। इसका कारण नौकरियों का न होना है। इसी कारण से आज के समय में एक अच्छी नौकरी पाना बहुत से लोगों की जरूरत है। सभी अपने घर का पालन पोषण करने के लिए नौकरी की तलाश में हैं।