भोले तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है,
हे शिव शम्भू भोले शंकर,
नाम जपूँ नित तेरा बन कर,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
भोले तेरे दर पे,
आस लेके आया हूँ,
किस्मतों का मारा मैं,
विश्वास लेके आया हूँ,
किस्मतो की डोर अब,
तेरे ही सहारे है,
अंधरे भी ओझल तेरे,
नाम से उजाले है,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
तू ही है धरम मेरा,
तू ही है करम मेरा,
तू ही है किनारा ,
तू ही है सहारा,
तू ही है हमारा देव,
तेरे ही जाप से कटते पाप मेरे,
तू ही है किनारा,
तू ही है सहारा,
तू ही है हमारा देव ॥
भोले तेरे नाम से,
मेरी ये कहानी है,
तेरी ही कृपा से रोशन,
मेरी ज़िंदगानी है,
तेरी ही कृपा से रोशन,
मेरा ये जहाँ है,
तेरी ही कृपा ना हो तो,
मैं कुछ कहाँ हूँ,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
भोले तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है,
हे शिव शम्भू भोले शंकर,
नाम जपूँ नित तेरा बन कर,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
नवरात्रि 2024: इस दिन मनाई जाएगी दुर्गा अष्टमी, जानिए माता महागौरी की पूजा विधि के साथ शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के नौवें दिन को महानवमी कहा जाता है। इस सभी प्रकार की सिद्धियों की दात्री, मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन माता के भक्त विशेष पूजा विधि के साथ मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। साथ ही इस दिन कन्या पूजन और हवन का भी विशेष आयोजन होता है। इस माध्यम से भक्त अपने जीवन में सफलता, शांति, और समृद्धि की कामना और प्राप्ति करते हैं।
माता के सप्तम स्वरूप के रूप में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इनकी पूजा से शक्ति की प्राप्ति होती है। माता के कालरात्रि पूजा की नवरात्रि की सप्तमी तिथि को की जाती है, इस दिन घरों में अपने अपने कुल देवी-देवता की पूजन होती है और साथ ही ये दिन सप्त मातृकाओं की पूजा का भी है।
भारतीय परंपरा में विजयादशमी भगवान श्रीराम की लंका अधिपति रावण के ऊपर विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला उत्सव है।