भोलेनाथ की शादी है हम सारे जाऐंगे,
भोलेनाथ की शादी में नाचेंगे गाएंगे,
आज भोलेनाथ की शादी है ,
मेरे नाथ की शादी है ॥
नाचे गाऐ खुशी मनाऐ, जिन को आया न्योता,
मामा के संग चला भांजा, गा गा के संग पोता,
त्यारी कर ली है,
सज धज कर जाऐंगे,
भोलेनाथ की शादी है हम सारे जाऐंगे ॥
नारद शारद भुत प्रेत भी, बन आऐ बाराती,
शुक्र शनिशर राहु केतु, नाच रहे संग साथी,
दर पारवती जा के,
ड दंग मचाएंगे,
भोलेनाथ की शादी है हम सारे जाऐंगे ॥
दुल्हा है या कोई जोगी, सब को हुई हैरानी,
जोगी रूप में शिव शंभु को, नमन करे कल्याणी,
शिव शक्ति मिलन होगा,
खुशी देव मनाएंगे,
भोलेनाथ की शादी है हम सारे जाऐंगे ॥
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत बड़ा महत्व होता है। पंचांग के अनुसार हर महीने में दो एकादशी आती हैं – एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। इस तरह साल भर में कुल 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है, खासकर जब बात भगवान विष्णु को समर्पित व्रत की हो। साल भर में 24 एकादशियां आती हैं, लेकिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है।
हिंदू धर्म में हर एकादशी का खास महत्व होता है, लेकिन मोहिनी एकादशी का स्थान विशेष है। यह एकादशी भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की स्मृति में मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के प्रत्येक अवतार का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। उन्हीं में से एक है भगवान नरसिंह का अवतार, जिसे विष्णुजी का चौथा अवतार माना गया है।