बिगड़ी किस्मत को बनाना,
शिव भोले का काम है,
रोते को पल में हसाना,
शिव भोले का काम है,
बिगडी किस्मत को बनाना,
शिव भोले का काम है,
रोते को पल में हसाना,
शिव भोले का काम है ॥
किस पे कब खुश होंगे भोले,
जानता कोई नहीं,
फूल पतझड़ में खिलाना,
शिव भोले का काम है,
बिगडी किस्मत को बनाना,
शिव भोले का काम है ॥
रास्ता मुश्किल हो कितना,
गिरने देते है नहीं,
राहों पे चलना सीखना,
शिव भोले का काम है,
बिगडी किस्मत को बनाना,
शिव भोले का काम है ॥
शिव की किरपा नित्य बरसे,
बंदे इस संसार में,
‘देवेंद्र’ को अपना बनाना,
शिव भोले का काम है,
बिगडी किस्मत को बनाना,
शिव भोले का काम है ॥
बिगड़ी किस्मत को बनाना,
शिव भोले का काम है,
रोते को पल में हसाना,
शिव भोले का काम है,
बिगडी किस्मत को बनाना,
शिव भोले का काम है,
रोते को पल में हसाना,
शिव भोले का काम है ॥
साल 2025 आ चुका है और इंतजार की घड़ियां अब खत्म होने वाली हैं, क्योंकि महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। यह धार्मिक उत्सव 12 साल बाद एक बार फिर प्रयागराज में होगा, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद है।
जनवरी से कुंभ स्नान और मेला शुरू होने जा रहा है, खास बात यह है कि यह 'महाकुंभ' है, जिसका मुहूर्त 144 साल बाद आ रहा है। अनुमान है कि इस विशाल आयोजन में करीब 40 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे।
महाकुंभ की शुरुआत में अब कुछ ही समय बाकी है, और इसमें शाही स्नान का महत्व अत्यधिक है। 12 साल में एक बार होने वाला यह महाकुंभ, न केवल शरीर की शुद्धि के लिए बल्कि आत्मिक उन्नति के लिए भी एक खास अवसर है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शाही स्नान से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट नष्ट हो जाते हैं, और देवी-देवता भी इस समय धरती पर आते हैं।
कुंभ के दिव्य स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठानों के लिए श्रद्धालुओं की धड़कनें बढ़ चुकी हैं। ट्रेन, बस और होटलों की बुकिंग में भी बेतहाशा रफ्तार आई है, क्योंकि लाखों लोग इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।