नवीनतम लेख
गोपाल गोकुल वल्लभी,
प्रिय गोप गोसुत वल्लभम,
चरणारविन्द महम भजे,
भजनीय सुर मुनि दुर्लभम् ।
चरणारविन्द महम भजे,
भजनीय सुर मुनि दुर्लभम् ॥
बिनती सुनिए नाथ हमारी,
बिनती सुनिए नाथ हमारी,
हृदयष्वर हरी हृदय बिहारी,
हृदयष्वर हरी हृदय बिहारी,
मोर मुकुट पीतांबर धारी,
बिनती सुनिए नाथ हमारी ॥
जनम जनम की लगी लगन है,
साक्षी तारो भरा गगन है,
गिन गिन स्वाश आस कहती है,
आएँगे श्री कृष्ण मुरारी,
॥ बिनती सुनिए नाथ हमारी...॥
सतत प्रतीक्षा अपलक लोचन,
हे भव बाधा बिपति बिमोचन,
स्वागत का अधिकार दीजिए,
शरणागत है नयन पुजारी,
॥ बिनती सुनिए नाथ हमारी...॥
और कहूं क्या अंतर्यामी,
तन मन धन प्राणो के स्वामी,
करुणाकर आकर के कहिए,
स्वीकारी विनती स्वीकारी,
॥ बिनती सुनिए नाथ हमारी...॥
बिनती सुनिए नाथ हमारी,
बिनती सुनिए नाथ हमारी,
हृदयष्वर हरी हृदय बिहारी,
हृदयष्वर हरी हृदय बिहारी,
मोर मुकुट पीतांबर धारी,
बिनती सुनिए नाथ हमारी ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।