बोल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥
दोहा – राम किया सुख उपजे,
और कृष्ण किया दुःख जाय,
एक बार हरी ॐ रटे,
तो भव बंधन मिट जाय ॥
बोल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे,
बोंल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥
सोने के डाल सुवा,
पिंजरों घलाउ रे,
पिंजरे में मोत्यां वाली,
झालरी लगाउ रे,
बोंल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥
चंपा के डाल सुवा,
हिंडोरो घलाउ रे,
हिंडोरे बिठा में थाने,
हाथ स्यु हिंडावु रे,
बोंल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥
घिरत मिठाई सुवा,
लापसी बनाऊ रे,
आँवले रो रस तने,
घोल घोल पावू रे,
बोंल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥
पगलिया रे माई तने,
पजड़िया पहनाऊ रे,
मीरा गिरधारी सरने,
आया सुख पाऊ रे,
बोंल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥
बोंल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे,
बोंल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥
राम पे जब जब विपदा आई,
कौन बना रखवाला,
शांति के दूत है हम
शांति के हैं हम पूजारी
रमतो भमतो जाय,
आज माँ नो गरबो रमतो जाय,
रण में आयी देखो काली,
खून से भरने खप्पर खाली,