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बूटी ले आओ हनुमान प्यारे,
मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना,
डूबती तेरे राम की नैया,
बाला तू आके पार लगाना,
बुटी ले आओ हनुमान प्यारे,
मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना ॥
था जो भैया भैया मुझको कहता,
आज भूमि पे मूर्छित पड़ा है,
आँखे खोले ना कुछ बात बोले,
जाने कैसी ये जिद पे अड़ा है,
तूने भगवान मुझको है माना,
भक्ति का फर्ज बाला निभाना,
बुटी ले आओ हनुमान प्यारे,
मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना ॥
माँ सुमित्रा ने मुझसे कहा था,
तुम तीनो ही साथ में आना,
राम सेवा में तेरी लाल मेरा,
सकुशल ही मुझे तू लौटना,
मैया को मुंह मैं कैसे दिखाऊं,
मेरे हनुमत तू मुझको बताना,
बुटी ले आओ हनुमान प्यारे,
मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना ॥
देर अब और लाओ ना हनुमत,
लेकर संजीवन अब तो आ जाओ,
होने वाली है भोर ओ प्यारे,
प्राणो का संकट आके मिटाओ,
तुम हो भक्ति के चन्दन ओ बाला,
वादा अपना नहीं भूल जाना,
बुटी ले आओ हनुमान प्यारे,
मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना ॥
बूटी ले आओ हनुमान प्यारे,
मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना,
डूबती तेरे राम की नैया,
बाला तू आके पार लगाना,
बुटी ले आओ हनुमान प्यारे,
मेरे लक्ष्मण के प्राण बचाना ॥
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