छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
कहते लोग इसे राम का दिवाना
छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
पाँव में घूंघरु बांध के नाचे
राम जी का नाम इसे प्यारा लागे
राम ने भी देखो इसे खुब पहचाना
॥ छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना...॥
जहाँ जहाँ कीर्तन होता श्रीराम का
लगता हैं पहरा वहाँ वीर हनुमान का
राम के चरण में हैं इनका ठिकाना
॥ छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना...॥
नाच नाच देखो श्रीराम को रिझाये
बनवारी देखो नाचता ही जाये
भक्तों में भक्त बडा दुनियाँ ने माना
॥ छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना...॥
छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
कहते लोग इसे राम का दिवाना
छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयदशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाता है जो कि अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है।
जब बरसों के इंतजार के बाद श्रीराम शबरी की कुटिया में पहुंचे, तो उनके बीच एक अनोखा संवाद हुआ।
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती मनाई जाती है, जो भगवान राम और उनकी भक्त शबरी के बीच के पवित्र बंधन का प्रतीक है।
शबरी जयंती सनातन धर्म में महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। हर साल माता शबरी के जन्मोत्सव के रूप में शबरी जयंती मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शबरी जयंती फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है।