चंदन है इस देश की माटी,
तपोभूमि हर ग्राम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा,
बच्चा बच्चा राम है ॥
हर शरीर मंदिर सा पावन,
हर मानव उपकारी है ।
जहॉं सिंह बन गये खिलौने,
गाय जहॉं मॉं प्यारी है ।
जहॉं सवेरा शंख बजाता,
लोरी गाती शाम है ॥
हर बाला देवी की प्रतिमा,
बच्चा बच्चा राम है ॥
जहॉं कर्म से भाग्य बदलता,
श्रम निष्ठा कल्याणी है ।
त्याग और तप की गाथाऍं,
गाती कवि की वाणी है ।
ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा,
निर्मल है अविराम है ॥
हर बाला देवी की प्रतिमा,
बच्चा बच्चा राम है ॥
जिस के सैनिक समरभूमि मे,
गाया करते गीता है ।
जहॉं खेत मे हल के नीचे,
खेला करती सीता है ।
जीवन का आदर्श जहॉं पर,
परमेश्वर का धाम है ॥
हर बाला देवी की प्रतिमा,
बच्चा बच्चा राम है ॥
चंदन है इस देश की माटी,
तपोभूमि हर ग्राम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा,
बच्चा बच्चा राम है ॥
जया एकादशी का उपवास हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा आराधना करने की मान्यता है।
जया एकादशी के दिन आपको मां लक्ष्मी के इन नामों का जाप जरूर करना चाहिए। इस दिन विधिवत रूप से श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा और उपासना की जाती है।
माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।
थाईपुसम त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। भक्तजन जीवन की बाधाओं को पार करने के लिए मार्गदर्शन पाने के लिए मुरुगन से प्रार्थना करते हैं।