चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट (Chitrakoot Ke Ghat Ghat Par Shabri Dekhe Baat)

चित्रकूट के घाट घाट पर,

शबरी देखे बाट,

राम मेरे आ जाओ,

राम मेरे आ जाओ,

चित्रकुट के घाट घाट पर,

शबरी देखे बाट,

राम मेरे आ जाओ ॥


अपने राम जी को,

कहाँ मैं बिठाऊँ,

कहाँ मैं बिठाऊँ,

टुटी फूटी खाट खाट प,

बिछया पुराना टाट,

राम मेरे आ जाओ,

॥ चित्रकुट के घाट घाट..॥


अपने राम जी को,

क्या मैं खिलाऊँ,

क्या मैं खिलाऊँ,

छोटे छोटे पेड़ पेड़ प,

लगे सुनहरी बेर,

राम मेरे आ जाओ,

॥ चित्रकुट के घाट घाट..॥


अपने राम को,

कया मैं पिलाऊं,

कया मैं पिलाऊं,

कपला गाढा दुध,

दुध में पड़ी मलाई खुब,

राम मेरे आ जाओ,

॥ चित्रकुट के घाट घाट...॥


अपने राम जी को,

कहां मैं झुलाऊँ,

कहां मैं झुलाऊँ,

छोटी डाली आम आम प,

झूले सीता राम,

राम मेरे आ जाओ,

॥ चित्रकुट के घाट घाट..॥


अपने राम जी को,

कैसे मैं रिझाऊँ,

कैसे मैं रिझाऊँ,

दीन हीन मोहे जान,

ना ही कोई भक्ति ज्ञान,

राम मेरे आ जाओ,

॥ चित्रकुट के घाट घाट...॥


चित्रकूट के घाट घाट पर,

शबरी देखे बाट,

राम मेरे आ जाओ,

राम मेरे आ जाओ,

चित्रकुट के घाट घाट पर,

शबरी देखे बाट,

राम मेरे आ जाओ ॥

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हम तुम्हारे तुम हमारे,
बन गए हो सांवरे,

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मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।
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