दादी झुंझुनू बुलाए,
मेरा मन हर्षाये,
माँ सब पर प्यार लुटाए,
संदेशा आया है,
संदेशा आया है,
संदेशा आया है,
दादी ने बुलाया है ॥
झुंझुनू वाली तेरी शान निराली है,
अपने भक्तों की करती रखवाली है,
चलो चले मिल सब प्यार से,
दादी जी के द्वार पे,
चलो धोक लगाएं,
चलो दर्शन पाए,
माँ सब पर प्यार लुटाए,
संदेशा आया है,
संदेशा आया है,
संदेशा आया है,
दादी ने बुलाया है ॥
सिर पर चुनर तारों वाली सोहे हैं,
दमदम मुखड़ा सबके मन को मोहे हैं,
गल मोतियन के हार हैं,
पग पायल की झंकार है,
माथे बिंदिया लगाए,
हाथ चुड़ा सजाए,
माँ सब पर प्यार लुटाए,
संदेशा आया है,
संदेशा आया है,
संदेशा आया है,
दादी ने बुलाया है ॥
दादी झुंझुनू बुलाए,
मेरा मन हर्षाये,
माँ सब पर प्यार लुटाए,
संदेशा आया है,
संदेशा आया है,
संदेशा आया है,
दादी ने बुलाया है ॥
तेजाजी महाराज राजस्थान के ऐसे वीर योद्धा और वचन निभाने वाले राजा हुए जिनकी याद में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को तेजा दशमी का पर्व मनाया जाता है।
यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्री कृष्ण की पूजा और उत्सव के लिए मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का बहुत महत्व है। हर एक त्योहार और व्रत से जुड़ी कई कथाएं होती हैं, जिन्हें पढ़ने और जानने से व्यक्ति को धार्मिक लाभ होते हैं।
सनातन परंपरा के अनुसार परिवर्तनी एकादशी व्रत का बहुत अधिक महत्व माना जाता है।