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डम डम डमरू बजाए मेरा जोगी (Dam Dam Damru Bajaye Mera Jogi)

डम डम डमरू बजाए मेरा जोगी (Dam Dam Damru Bajaye Mera Jogi)

डम डम डमरू बजाए मेरा जोगी,

जाने कैसी माया रचाए मेरा जोगी,

डम डम डमरू बजाये मेरा जोगी ॥


ध्यान में ये बैठा रखे सबकी खबर है,

भक्तो पे रखता ये अपनी नज़र है,

भक्तो पे जान लुटाए मेरा जोगी,

भक्तो पे जान लुटाए मेरा जोगी,

डम डम डमरू बजाये मेरा जोगी ॥


मेवा नहीं मांगे पकवान नहीं मांगे,

महल अटारी आलिशान नहीं मांगे,

भक्ति से खुश हो जाए मेरा जोगी,

भक्ति से खुश हो जाए मेरा जोगी,

डम डम डमरू बजाये मेरा जोगी ॥


शिव से है मिलना तो जानले ये रस्ता,

भोले भाले भक्तो के दिल में ये बसता,

भक्तो का दिल ना दुखाए मेरा जोगी,

भक्तो का दिल ना दुखाए मेरा जोगी,

डम डम डमरू बजाये मेरा जोगी ॥


इसके इशारे पे जग सारा डोले,

ॐ की ध्वनि सारा ब्रम्हांड बोले,

‘उर्मिल’ लीला दिखलाए मेरा जोगी,

‘उर्मिल’ लीला दिखलाए मेरा जोगी,

डम डम डमरू बजाये मेरा जोगी ॥


डम डम डमरू बजाए मेरा जोगी,

जाने कैसी माया रचाए मेरा जोगी,

डम डम डमरू बजाये मेरा जोगी ॥

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वरुथिनी एकादशी की तिथि

हिंदू धर्म में सभी एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हर महीने में दो एकादशी की तिथियां आती हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होती हैं और वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है।

कालाष्टमी अप्रैल 2025 में कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा का संचार होता है।

वरुथिनी एकादशी व्रत की कथा

हिंदू धर्म में एक वर्ष में कुल 24 एकादशियां आती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व होता है। इन्हीं में से एक है वरुथिनी एकादशी, जो वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है।

अप्रैल 2025 में कृष्ण जन्माष्टमी कब है

हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ बड़े श्रद्धा और पवित्र भाव के साथ मनाया जाता है। वैसे तो श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी भाद्रपद मास में मनाई जाती है, लेकिन हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में भी यह पर्व मनाया जाता है।

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