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दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)

दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)

दानी बड़ा ये भोलेनाथ,

पूरी करे मन की मुराद,

देख ले माँग के माँग के,

तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा,

तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा॥


दिन दयालु कहे इसको जमाना,

काम है इसका किस्मत जगाना,

भोले के दर पे जिसने अर्जी लगाई है,

हाथो ही हाथ हुई उसकी सुनाई है,

देख ले माँग के माँग के,

तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा,

तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा।

॥ दानी बड़ा ये भोलेनाथ...॥


देवो का देव तीनो लोको का स्वामी,

देखि दातारि हुई दुनिया दीवानी,

राजा बनाये पल भर में भिखारी को,

करते निहाल भोले अपने पुजारी को,

देख ले माँग के माँग के,

तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा,

तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा।

॥ दानी बड़ा ये भोलेनाथ...॥


भोला भाला है दिल इसका बड़ा है,

देखे कभी ना कौन लेने खड़ा है,

रावण को सोने की लंका दे डाली,

सोनू लौटाया नहीं किसी को भी खाली,

देख ले माँग के माँग के,

तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा,

तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा।


दानी बड़ा ये भोलेनाथ,

पूरी करे मन की मुराद,

देख ले माँग के माँग के,

तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा,

तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा॥

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वृश्चिक संक्रांति का महत्व

वृश्चिक संक्रांति पौराणिक कथाओं के अनुसार एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योंहार है। यह हिंदू संस्कृति में सौर दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान सूर्य जी की पूजा के लिए विशेष माना होता है। वृश्चिक संक्रांति के समय सूर्य उपासना के साथ ही मंगल ग्रह शांति एवं पूजा करने से मंगल ग्रह की कृपा होती है।

मार्गशीर्ष के देवता

श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है मासानां मार्गशीर्षोऽहम् यानी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस माह को धार्मिक ग्रंथों में पवित्र और फलदायी बताया गया है।

मार्गशीर्ष की अशुभ तिथियां

धार्मिक मान्यता है मार्ग शीर्ष का माह भगवान श्री कृष्ण को अधिक प्रिय माना जाता है। यही वजह है कि इस दौरान तामसिक भोजन ना करने की सलाह भी धार्मिक ग्रंथो में दी जाती है।

सूर्य चालीसा (Surya Chalisa)

कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग। पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।

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