दर बालाजी के अर्जी लगाले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
संकट तेरे साथ है जो,
मार बड़ी खाएगा,
बालाजी के सोटे वो,
बच नहीं पाएगा,
अपने सारे इन तू कष्टों को मिटा ले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
प्रेतराज भैरव बाबा,
करते नहीं देर है,
पल में ही सुन लेते,
भक्तो की टेर है,
जादू होते यहाँ बड़े ही निराले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
आरती का छींटा ले ले,
बड़ा गुणवान है,
सारे ही रोगों का ये,
छींटा तो निदान है,
छींटा ले ले तू फंद कटा ले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
बालाजी के चरणों से,
आशा तू भी जोड़ ले,
बालाजी की भक्ति का,
चोला तू भी ओढ़ ले,
‘पप्पू’ बालाजी को ह्रदय में बसा ले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
दर बालाजी के अर्जी लगाले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करें मोहन,
हे आर्य पुत्रों, हे राम भक्तों
तुम्हे अयोध्या बुला रही है ।
तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,
हे बुद्धि के दाता,
तुलसा कर आई चारों धाम,
जाने कहां लेगी विश्राम ।