दर बालाजी के अर्जी लगाले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
संकट तेरे साथ है जो,
मार बड़ी खाएगा,
बालाजी के सोटे वो,
बच नहीं पाएगा,
अपने सारे इन तू कष्टों को मिटा ले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
प्रेतराज भैरव बाबा,
करते नहीं देर है,
पल में ही सुन लेते,
भक्तो की टेर है,
जादू होते यहाँ बड़े ही निराले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
आरती का छींटा ले ले,
बड़ा गुणवान है,
सारे ही रोगों का ये,
छींटा तो निदान है,
छींटा ले ले तू फंद कटा ले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
बालाजी के चरणों से,
आशा तू भी जोड़ ले,
बालाजी की भक्ति का,
चोला तू भी ओढ़ ले,
‘पप्पू’ बालाजी को ह्रदय में बसा ले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
ये दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
दर बालाजी के अर्जी लगाले,
आज श्रद्धा से तू बाबा को मनाले,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
की दुःख तेरा भाग जाएगा,
सच्चा है दरबार मेरे बालाजी का,
मिलता है प्यार यहाँ बालाजी का ॥
हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की अमावस्या का विशेष महत्व है और जब यह तिथि सोमवार को आती है, तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन पितरों को स्मरण करने और उन्हें तर्पण देने का सबसे श्रेष्ठ अवसर होता है।
हिंदू पंचांग में हर अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। यह दिन पितृों की शांति के लिए, आत्मिक शुद्धि के लिए और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत उत्तम माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल 12 अमावस्या तिथियां आती हैं, जिनमें हर एक का अपना अलग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। लेकिन ज्येष्ठ माह में आने वाली अमावस्या को खास माना गया हैI
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। लेकिन ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 27 मई को मनाई जाएगी।