भोले शंकर भोले,
तुझे पूजे दुनिया सारी रे,
तीनो लोक में भोले,
तेरी महिमा न्यारी रे,
भोले शंकर भोले,
तुझे पूजे दुनिया सारी रे,
दर्शन दिया,
मुझे दर्शंन दिया,
शिव शंकर मुझसे आन मिले,
पल भर में मेरे भाग्य खुले,
तीनो लोक के नाथ ने दर्शंन दिया,
मुझे दर्शंन दिया ॥
भोली भाली सूरत वाले,
वो तेज भरी मूरत वाले,
एक हाथ में उनके डमरू था,
हाँ उनकी छवि में जादू था,
देख लिया मैने देख लिया,
दर्शंन दिया,
मुझे दर्शंन दिया,
शिव शंकर मुझसे आन मिले,
पल भर में मेरे भाग्य खुले,
तीनो लोक के नाथ ने दर्शंन दिया,
मुझे दर्शंन दिया ॥
विष को अमृत करने वाले,
वो रूप नये भरने वाले,
थी साथ में उनके पार्वती,
आराध्य मेरे मन की देवी,
देखा किया मैं तो देखा किया,
दर्शंन दिया,
मुझे दर्शंन दिया,
शिव शंकर मुझसे आन मिले,
पल भर में मेरे भाग्य खुले,
तीनो लोक के नाथ ने दर्शंन दिया,
मुझे दर्शंन दिया ॥
पहले तो सर पे हाथ रखा,
फिर मुझको आशीर्वाद दिया,
गिर गया मैं उनके चरणों में,
शिवजी ने उठाया बाहों में,
भाग्य जगा मेरा भाग्य जगा,
दर्शंन दिया,
मुझे दर्शंन दिया,
शिव शंकर मुझसे आन मिले,
पल भर में मेरे भाग्य खुले,
तीनो लोक के नाथ ने दर्शंन दिया,
मुझे दर्शंन दिया ॥
भोले शंकर भोले,
तुझे पूजे दुनिया सारी रे,
तीनो लोक में भोले,
तेरी महिमा न्यारी रे,
भोले शंकर भोले,
तुझे पूजे दुनिया सारी रे,
दर्शन दिया,
मुझे दर्शंन दिया,
शिव शंकर मुझसे आन मिले,
पल भर में मेरे भाग्य खुले,
तीनो लोक के नाथ ने दर्शंन दिया,
मुझे दर्शंन दिया ॥
वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण काम होता है जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है।
सनातन धर्म में शुभ कार्यों की शुरुआत करने से पहले शुभ तिथि और मुहूर्त का महत्व बहुत अधिक है। यह मान्यता है कि शुभ तिथि और मुहूर्त में किया गया कार्य अवश्य सफल होता है।
महाकुंभ के तट पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है। हर बार की तरह इस बार भी नागा साधु महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। नागा साधु के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आप नागिन साध्वी के बारे में जानते हैं? नागिन साध्वी, यानी महिला नागा साधु, गृहस्थ जीवन से पूर्णतः दूर हो चुकी होती हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो चुकी है। पहले अमृत स्नान के दिन लगभग 3 करोड़ 50 लाख श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने पहुंचे। अगर आप भी महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं या लगाने वाले हैं, तो घर लौटने के बाद कुछ विशेष कार्य करना शुभ माना जाता है।