दर्शन को तेरे आया(Darshan Ko Tere Aaya )

दर्शन को तेरे आया,

सब देव तेरी माया,

पूजा करेंगे तेरी,

सेवा करेंगे तेरी ॥


तुम ही मेरे हो लंबोदर,

आस ना कोई दूजा,

अपनी किरपा रखना स्वामी,

मन से की है पूजा,

मंदिर में तेरे आके देवा,

लडुवन भोग लगाके,

दर्शंन को तेरे आया,

सब देव तेरी माया,

पूजा करेंगे तेरी,

सेवा करेंगे तेरी ॥


ना कोई बंधन जगत का कोई,

पहरा ना लग पाए,

सब बाधाएं दूर है होती,

शरण जो तेरी आये,

गजमुख देव छवि ये तेरी,

मन में इसे बिठाके,

दर्शंन को तेरे आया,

सब देव तेरी माया,

पूजा करेंगे तेरी,

सेवा करेंगे तेरी ॥


तेरा ही मुख देख गणेशा,

रात को मैं सो जाऊं,

भोर भये जब आंख खुले तो,

तेरे दर्शन पाऊं,

शिव के पुत्र दुलारे तुम हो,

भक्तो के भी प्यारे,

दर्शंन को तेरे आया,

सब देव तेरी माया,

पूजा करेंगे तेरी,

सेवा करेंगे तेरी ॥


दर्शन को तेरे आया,

सब देव तेरी माया,

पूजा करेंगे तेरी,

सेवा करेंगे तेरी ॥

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नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मईआ(Nache Nandlal Nachave Hari Ki Maiya)

नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥

बसंत पंचमी क्या दान करें

बसंत पंचमी का पर्व ज्ञान, विद्या और समृद्धि का प्रतीक है। यह दिन पूरी तरह से माता सरस्वती को समर्पित है, और इस दिन उनकी पूजा का विधान है।

मेष संक्रांति 2025 कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस दिन को संक्रांति कहा जाता है। एक वर्ष में कुल 12 संक्रांति होती हैं, लेकिन इन सभी में मेष संक्रांति का विशेष महत्व है।

भरदे रे श्याम झोली भरदे (Bharde Re Shyam Jholi Bhar De)

भरदे रे श्याम झोली भरदे,
भरदे, ना बहला ओ बातों में,

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