दे दे थोड़ा प्यार मैया,
तेरा क्या घट जायेगा,
ये बालक भी तर जायेगा,
दे दे थोड़ा प्यार
दे दिया तुमने,
सबको सहारा माँ,
जो द्वारे आया है,
भर दिया दामन,
उसका खुशी से माँ,
जो अर्जी लाया है,
मुझको देने से,
मुझको देने से खजाना,
कम नही हो जायेगा,
ये बालक भी तर जायेगा
दे दे थोड़ा प्यार ॥
है पुराना माँ,
रिश्ता हमारा जो,
उसे तुम याद करो,
करदे कृपा ओ माँ,
बालक तुम्हारा हूँ,
मेरे सिर पर हाथ धरो,
प्यार का रिश्ता,
प्यार का रिश्ता हमारा,
टूटने ना पायेगा,
ये बालक भी तर जायेगा,
दे दे थोड़ा प्यार ॥
कश्ती मेरी ये माँ,
तेरे हवाले है,
इसे तुम पार करो,
गर दे दिया मुझको,
तूने किनारा माँ,
तो ये विश्वास करो,
ये तेरा दरबार,
ये तेरा दरबार जय जयकारो,
से गूँज जायेगा,
ये बालक भी तर जायेगा,
दे दे थोड़ा प्यार ॥
दे दे थोड़ा प्यार मैया,
तेरा क्या घट जायेगा,
ये बालक भी तर जायेगा,
दे दे थोड़ा प्यार ॥
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मत्स्य द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार को समर्पित है।
अनंग त्रयोदशी हिंदू धर्म में प्रेम और दांपत्य जीवन को सुदृढ़ करने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। इसे मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में यह तिथि 13 दिसंबर को पड़ रही है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। 2024 में शुक्रवार, 13 दिसंबर को शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ अवसर है।
अनंग त्रयोदशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। 2024 में यह व्रत 13 दिसंबर को पड़ेगा। इस दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा, जो मार्गशीर्ष महीने का आखिरी प्रदोष व्रत है।