गणपति बाप्पा मोरया
मंगल मूर्ति मोरया
गणपति बाप्पा मोरया
मंगल मूर्ति मोरया ॥
मोरया रे बाप्पा मोरया रे ॥
मोरया रे बाप्पा मोरया रे ॥
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन ॥
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्तजनों में
हमसे बढ़कर कौन
हमसे बढ़कर कौन ॥
हेय देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन ॥
अद्भुत रूप ये काया भारी
महिमा बड़ी है दर्शन की
प्रभु महिमा बड़ी है दर्शन की
बिन मांगे पूरी हो जाए
जो भी इच्छा हो मन की
प्रभु जो भी इच्छा हो मन की
हो… जो भी इच्छा हो मन की
गणपति बाप्पा मोरया
मंगल मूर्ती मोरया ॥
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्तजनों में
हमसे बढ़कर कौन
हाँ हमसे बढ़कर कौन ॥
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन ॥
छोटी सी आशा लाया हूँ
छोटे से मन में दाता
इस छोटे से मन में दाता
माँगने सब आते हैं पहले
सच्चा भक्त ही है पाता
प्रभु सच्चा भक्त ही है पाता
हो…. सच्चा भक्त ही है पाता
गणपति बाप्पा मोरया
मंगल मूर्ती मोरया ॥
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्तजनों में
हमसे बढ़कर कौन
हाँ हमसे बढ़कर कौन ॥
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
भक्तों की इस भीड़ में
ऐसे बगुला भगत भी मिलते हैं
हाँ बगुला भगत भी मिलते हैं
भेस बदल कर के भक्तों का
जो भगवान को छलते हैं
अरे जो भगवान को छलते हैं
ओ… जो भगवान को छलते हैं
गणपति बाप्पा मोरया
मंगल मूर्ती मोरया ॥
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्तजनों में
हमसे बढ़कर कौन
हाँ हमसे बढ़कर कौन ॥
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
एक डाल के फूलों का भी
अलग अलग है भाग्य रहा
प्रभु अलग अलग है भाग्य रहा
दिल में रखना डर उसका
मत भूल विधाता जाग रहा
मत भूल विधाता जाग रहा
ओ… मत भूल विधाता जाग रहा ॥
गणपति बाप्पा मोरया
मंगल मूर्ती मोरया ॥
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्तजनों में
हमसे बढ़कर कौन
हमसे बढ़कर कौन ॥
हेय देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन ॥
सीता नवमी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो माता सीता के प्राकट्य के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं।
बगलामुखी जयंती वैशाख शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है, जो देवी बगलामुखी को समर्पित है। वह दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी हैं और श्री कुल से संबंधित हैं। देवी बगलामुखी को पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। उनकी साधना से स्तंभन की सिद्धि प्राप्त होती है और शत्रुओं को नियंत्रित किया जा सकता है।
देवी बगलामुखी 10 महाविद्याओं में से एक आठवीं महाविद्या हैं, जो पूर्ण जगत की निर्माता, नियंत्रक और संहारकर्ता हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जीवन की अनेकों बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, परशुराम द्वादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम को समर्पित हैI