नाथों के नाथ महादेव शिव शंकर
भीड़ में सुनसान में साक्षात् शम्भुनाथ
ॐ की गुंजार में ओमकार शिव नाथ
दृश्य या अदृश्य हर पुकार में हर हर
शून्य शिखर सूक्षम वृहद् हर हर भोले नाथ
देवो के देव हे महादेव
विश्वेश्वरा सर्वोपरि त्वमेव
देवो के देव हे महादेव
परमेश्वरा हे शम्भू एक मेव
भक्ति ज्ञान ध्यान योग मनन जाप में
कष्ट विपदा जटिल कुटिल तपन ताप में
यक्ष दक्ष देव गन्धर्वो के राग में
नहीं में भी हाँ हाँ शिव पर प्रताप में
दसो दिशाओ नवो खंड आठ पहर हर हर हर..
देवो के देव हे महादेव
विहंगम जंगम हे शम्भू एकमेव
विश्वेश्वरा सर्वोपरि तवमेव
देवो के देव हे महादेव
देवो के देव हे महादेव
विश्वेश्वरा सर्वोपरि त्वमेव
देवो के देव हे महादेव
परमेश्वर हे शम्भू एक मेव
सतगुरु मैं तेरी पतंग,
बाबा मैं तेरी पतंग,
सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
साथी हारे का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे,
सत नाम का सुमिरन कर ले,
कल जाने क्या होय,