देवों के देव है ये, महादेव कहलाते है (Devon Ke Dev Hai Ye Mahadev Kahlate Hai)

सबको अमृत बांटे,

खुद विष पि जाते है,

देवों के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


ये औघड़ दानी है,

संग मात भवानी है,

दुनिया दीवानी है,

ये डमरू बजाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


माथे पर है चंदा,

और जटा में है गंगा,

कटे चौरासी फंदा,

जो इनका ध्यान लगाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


गले सर्पो की माला,

तन पे है मृगछाला,

पि के भंग का प्याला,

ये भस्म रमाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


शिव शंकर भोलेनाथ,

रख दो मेरे सिर पे हाथ,

दे दो ‘वशिष्ठ’ का साथ,

हम तुम्हे मनाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


सबको अमृत बांटे,

खुद विष पि जाते है,

देवों के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥

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किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए (Kishori Kuch Aisa Intazam Ho Jaye)

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।

पौष पूर्णिमा व्रत कथा

पूर्णिमा यानी शुक्ल पक्ष का 15वां दिन। यह महीने में 1 बार आती है। इस तरह पूरे साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इस साल 2025 पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को है। पौष पूर्णिमा पर स्नान व दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

माधो हम ऐसे, तू ऐसा - शब्द कीर्तन (Madho Hum Aise Tu Aisa)

हम पापी तुम पाप खंडन
नीको ठाकुर देसा

जन्मे अवध में, दशरथ के ललना (Janme Awadh Mein Dashrath Ke Lalna)

जन्मे अवध में,
दशरथ के ललना,

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