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देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे,

दौड़े अमृत के लिए,

हम सदा उनको भजेंगे,

जो जहर हंस के पिए,

हम नमन उनको करेंगे,

जो जहर हंस के पिए ॥


जो रहे अमृत के पीछे,

सोचो वो क्या देव है,

जगत के खातिर विष पिया जो,

वो बने महादेव है,

हम नमन उनको करेंगे,

हम नमन उनको करेंगे,

जो सदा सबको दिए,

हम सदा उनको भजेंगे,

जो जहर हंस के पिए ॥


औरो के खातिर जगत में,

सब नहीं जी सकते है,

जो है अविनाशी अजन्मा,

जहर वही पी सकते है,

हम नमन उनको करेंगे,

हम नमन उनको करेंगे,

जो मरे ना ना जिए,

हम सदा उनको भजेंगे,

जो जहर हंस के पिए ॥


देवता भी स्वार्थी थे,

दौड़े अमृत के लिए,

हम सदा उनको भजेंगे,

जो जहर हंस के पिए,

हम नमन उनको करेंगे,

जो जहर हंस के पिए ॥

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शिव में मिलना हैं (Shiv Mein Milna Hai)

शिव में मिलना है ॥

शिव पार्वती ने तुम्हे, वरदान दे दिया (Shiv Parvati Ne Tumhe Vardan De Diya)

शिव पार्वती ने तुम्हे,
वरदान दे दिया,

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शिव पूजा में मन लीन रहे,
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शिव समा रहे मुझमें (Shiv Sama Rahe Hain Mujhme)

ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

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