धन जोबन और काया नगर की,
कोई मत करो रे मरोर ॥
क्यूँ चले से आंगा पांगा,
चिता बिच तने धर देंगे नंगा,
एक अग्नि का लेके पतंगा,
तेरे फिर जाएंगे चारो ओर,
॥ धन जोबन और काया..॥
सिराणे खड़ी तेरी माई रोवे,
भुजा पकड़ तेरा भाई रोवे,
पायाँ खड़ी रे तेरी ब्याहि रे रोवे,
जिसने ल्याया बाँध के मोल,
॥ धन जोबन और काया..॥
पांच साथ तेरे चलेंगे साथ में,
गोसा पुला लेके हाथ में,
इक पिंजरी का ले बांस हाथ में ,
तेरे देंगे सर में फोड़,
॥ धन जोबन और काया..॥
शंकर दास ब्राम्हण गावे,
सब गुणियों को शीश झुकावे,
अपणा गाम जो खोली बतावे,
वो तो गया रे मुलाजा तोड़,
धन जोबन और काया नगर की,
कोई मत करो रे मरोर ॥
हिंदू धर्म में सप्ताह का सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा के लिए समर्पित होता है। ऐसे में सप्ताह का आखिरी दिन यानी रविवार भगवान सूर्य देव का दिन माना जाता है।
हिंदू धर्म में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि अगर आप सोमवार के दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
सनातन धर्म में मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि मंगलवार को अगर कोई भी भक्त बजरंगबली की सच्चे मन और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है तो हनुमान जी अपने भक्त को निराश नहीं करते हैं।
सनातन धर्म में बुधवार का दिन विघ्नहर्ता यानी भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। पौराणिक मान्यता है कि जो भी भक्त बुधवार के दिन सच्चे मन से गणेशजी की पूजा-अर्चना करता है, उसकी जिंदगी से धीरे-धीरे सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।