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धन जोबन और काया नगर की (Dhan Joban Aur Kaya Nagar Ki)

धन जोबन और काया नगर की (Dhan Joban Aur Kaya Nagar Ki)

धन जोबन और काया नगर की,

कोई मत करो रे मरोर ॥


क्यूँ चले से आंगा पांगा,

चिता बिच तने धर देंगे नंगा,

एक अग्नि का लेके पतंगा,

तेरे फिर जाएंगे चारो ओर,

॥ धन जोबन और काया..॥


सिराणे खड़ी तेरी माई रोवे,

भुजा पकड़ तेरा भाई रोवे,

पायाँ खड़ी रे तेरी ब्याहि रे रोवे,

जिसने ल्याया बाँध के मोल,

॥ धन जोबन और काया..॥


पांच साथ तेरे चलेंगे साथ में,

गोसा पुला लेके हाथ में,

इक पिंजरी का ले बांस हाथ में ,

तेरे देंगे सर में फोड़,

॥ धन जोबन और काया..॥


शंकर दास ब्राम्हण गावे,

सब गुणियों को शीश झुकावे,

अपणा गाम जो खोली बतावे,

वो तो गया रे मुलाजा तोड़,


धन जोबन और काया नगर की,

कोई मत करो रे मरोर ॥

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झूम उठा दिल देख नजारा, उस सालासर धाम का(Jhoom Utha Dil Dekho Nazara Us Salasar Dham Ka)

झूम उठा दिल देख नजारा,
उस सालासर धाम का,

काशी में कैलाशी (Kaashi Mein Kailashi)

बम भोले बम भोले
कैलाश का वासी, बम भोले

झूला पड्यो है कदम्ब की डार (Jhula Padyo Hai Kadamb Ki Daar)

झूला पड्यो है कदम्ब की डार,
झुलावे ब्रज नारी,

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