ध्यानु की तरह अम्बे, मेरा नाम अमर कर दो (Dhyanu Ki Tarah Ambe Mera Naam Amar Kardo)

ध्यानु की तरह अम्बे,

मेरा नाम अमर कर दो,

चरणों में मिट जाऊं,

भक्ति की नजर कर दो,

ध्यानु की तरह अम्बें,

मेरा नाम अमर कर दो ॥


चोला बसंती माँ,

पहना है लिए मस्ती,

सर प्रेम के बाने में,

लाली है तेरी हस्ती,

झंकार के छैनों की,

इस मन को संवर कर दो,

ध्यानु की तरह अम्बें,

मेरा नाम अमर कर दो ॥


मंगलमय शुभ ज्योति,

मन मंदिर में जागी,

तेरा पंथ निराला है,

मोहे सांची लगन लागी,

गुण गान करे वाणी,

स्वासों में असर कर दो,

ध्यानु की तरह अम्बें,

मेरा नाम अमर कर दो ॥


माता और बेटे का,

रिश्ता ये पुराना है,

ममता में बंधती वो,

मैंने तो ये जाना है,

रहमत की निगाहें माँ,

इक बार अगर कर दो,

ध्यानु की तरह अम्बें,

मेरा नाम अमर कर दो ॥


ध्यानु की तरह अम्बे,

मेरा नाम अमर कर दो,

चरणों में मिट जाऊं,

भक्ति की नजर कर दो,

ध्यानु की तरह अम्बें,

मेरा नाम अमर कर दो ॥

........................................................................................................
नाग पंचमी 2024: पंचमी पर नागों को दूध चढ़ाने से होता है ये लाभ

पंचमी पर नागों को दूध चढ़ाने से होता है ये लाभ, जानिए क्या है नाग पंचमी की पौराणिक मान्यताएं

माँ शारदे वंदना, हे शारदे माँ (Bhajan Maa Sharade Vandana)

हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।

गजमुखं द्विभुजं देवा लम्बोदरं(Gajmukham Dvibhujam Deva Lambodaram)

गजमुखं द्विभुजं देवा लम्बोदरं,
भालचंद्रं देवा देव गौरीशुतं ॥

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी (Kaartik Maas Ke Shukl Paksh Kee Prabodhinee Ekaadashee)

ब्रह्माजी ने कहा कि हे मनिश्रेष्ठ ! गंगाजी तभई तक पाप नाशिनी हैं जब तक प्रबोधिनी एकादशी नहीं आती। तीर्थ और देव स्थान भी तभी तक पुण्यस्थल कहे जाते हैं जब तक प्रबोधिनी का व्रत नहीं किया जाता।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।