श्याम दर्शन,
जरा दिखा जाओ,
दिल की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥
मैंने कुटिया बहुत सजाई है,
मैंने कुटिया बहुत सजाई है,
खुशबु अपनी जरा लुटा जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥
खातरी तेरी सांवरे होगी,
खातरी तेरी सांवरे होगी,
भाव दिल के जरा जगा जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥
कुछ कहेंगे तो कुछ सुनेंगे तेरी,
कुछ कहेंगे तो कुछ सुनेंगे तेरी,
हमको मदहोश तो बना जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥
दील की कुटिया में कुछ कमी तो नहीं,
दील की कुटिया में कुछ कमी तो नहीं,
गर कमी है कमी पूरा जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥
दील की कुटिया करीब है तेरे,
दील की कुटिया करीब है तेरे,
तुम जरा सा करीब आ जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥
‘नंदू’ हर हाल में तुम्हे चाहे,
‘नंदू’ हर हाल में तुम्हे चाहे,
प्रेम ऐसा प्रभु जगा जाओ,
दील की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥
श्याम दर्शन,
जरा दिखा जाओ,
दिल की कुटिया,
में मेरी आ जाओ ॥
ओ पवन पुत्र हनुमान राम के,
परम भक्त कहलाए,
ओ राही रुक जाना,
जहाँ चितचोर बसे,
ओ रामजी तेरे भजन ने,
बड़ा सुख दीना,
मुझे जो भी कुछ मिला है,
तुमने ही सब दिया है,