दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले (Doosron Ka Dukhda Door Karne Wale)

दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।

किये जा तू जग में भलाई का काम,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।


दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।

किये जा तू जग में भलाई का काम,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।

पोंछ ले तू अपने आंसू तमाम,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ॥


सच का है पथ ले धर्म का मार्ग,

संभल संभल चलना प्राणी ।

पग पग पर है यहाँ रे कसौटी,

कदम कदम पर कुर्बानी ।

मगर तू डावा डोल ना होना,

तेरी सब पीर हारेंगे राम ॥


दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।

किये जा तू जग में भलाई का काम,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।


क्या तुने पाया, क्या तुने खोया,

क्या तेरा लाभ है क्या हानि ।

इस का हिसाब करेगा वो इश्वर,

क्यूँ तू फिकर करे रे प्राणी ।

तू बस अपना काम किए जा,

तेरा भण्डार भरेंगे राम ॥


दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।

किये जा तू जग में भलाई का काम,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।


दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।

किये जा तू जग में भलाई का काम,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।

पोंछ ले तू अपने आंसू तमाम,

तेरे दुःख दूर करेंगे राम ॥

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चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो (Chalo Shiv Shankar Ke Mandir Me Bhakto)

लिया नाम जिसने भी शिवजी का मन से,
उसे भोले शंकर ने अपना बनाया ।

उनकी रेहमत का झूमर सजा है (Unki Rehmat Ka Jhoomar Saja Hai)

उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।
मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा (Aa Maan Aa Tujhe Dil Ne Pukaara)

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ।
दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥

बसंत पंचमी क्या भोग लगाएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। इसी कारण से हर वर्ष इस तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

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