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दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना (Duniya Me Dev Hazaro Hai Bajrangbali Ka Kya Kahna)

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना (Duniya Me Dev Hazaro Hai Bajrangbali Ka Kya Kahna)

दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना

इनकी शक्ति का क्या कहना, इनकी भक्ति का क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना


ये सात समुन्दर लांग गए और गढ़ लंका मे कूद गए

रावन को डराना क्या कहना, लंका को जलाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना


जब लक्ष्मन जी बेहोश हुए, संजीवनी बूटी लाने गए

परबत को उठाना क्या कहना, लक्ष्मन को जिवाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना


‘बनवारी’ इनके सीने मे सिया राम की जोड़ी रहती है

ये राम दिवाना क्या कहना, गुण गाये जमाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना

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गंगा नदी (Ganga Nadi)

गंगा नदी को भारतवर्ष की जीवनदायनी और सबसे पवित्र नदी कहा जाता है, इस नदी को श्रद्धालु मां गंगा कहकर भी संबोधित करते हैं। हिमालय से निकलने वाली गंगा बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है.

यमुना नदी (Yamuna Nadi)

यमुना नदी गंगा की सबसे लंबी और दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी है। यमुना नदी का उद्गम स्थान यमुनोत्री है। ऐसा कहा जाता है कि यमुनोत्री दर्शन के बिना तीर्थ यात्रियों की यात्रा अधूरी रहती है।

सरस्वती नदी (Saraswati Nadi)

सरस्वती नदी पौराणिक हिन्दू ग्रन्थों तथा ऋग्वेद में वर्णित मुख्य नदियों में से एक है। ऋग्वेद में सरस्वती का अन्नवती तथा उदकवती के रूप में वर्णन आया है। ऋग्वेद में सरस्वती नदी को अम्बितम (माताओं में श्रेष्ठ), नदितम (नदियों में श्रेष्ठ) एवं देवितम (देवियों में श्रेष्ठ) नामों से वर्णित किया गया है।

नर्मदा नदी (Narmada Nadi)

गंगा और यमुना की तरह नर्मदा नदी को भी हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना गया है। नर्मदा नदी को मां दुर्गा से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए मां नर्मदा को हिंदू धर्म की सात पवित्र नदियों में भी शामिल किया गया।

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