मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम,
एक तू ही है मेरा,
बाकी सब है वहम,
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम॥
मिलता सब कुछ,
दरबार में तेरे जो भी आता है,
लो आ गई मैं भी दर पे,
मुझको भी हो कृपा,
मेरी सुनले बाबा,
बाणधारी खाटू के चमन,
एक तू ही हैं मेरा,
बाकी सब है वहम,
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम ॥
चलना साथ हरदम,
बाबा मैं विश्वास लाइ हूँ,
दुनिया से हार गई हूँ,
तेरे दर पे आई हूँ,
रहना हरपल बाबा,
साथ मेरे तुझे है कसम,
एक तू ही हैं मेरा,
बाकी सब है वहम,
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम ॥
आऊं नगरी तेरी तो,
मैं बस तेरी हो जाऊं,
तेरे दर्शन जो कर लूँ,
मैं तुझमे खो जाऊं,
तेरे मिलने की दुरी अब,
हुई है ख़तम,
एक तू ही हैं मेरा,
बाकी सब है वहम,
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम ॥
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम,
एक तू ही है मेरा,
बाकी सब है वहम,
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम ॥
जब दुर्गम राक्षस का वध करने मां ने धारण किया भुवनेश्वरी रूप, पूजा विधि के साथ जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व
17 सितंबर को एक खास दिन है, जब अनंत चतुर्दशी व्रत, अनंत पूजा और बाबा विश्वकर्मा पूजा एक साथ मनाए जाएंगे। यह दिन भगवान विष्णु और भगवान विश्वकर्मा की विशेष आराधना का अवसर है। इन दोनों पूजा विधियों के धार्मिक महत्व और अनुष्ठानों पर आइए विस्तार से नजर डालते हैं
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: जानिए सिंतबर में आने वाली विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत से होने वाले लाभ
आश्विन माह में इस दिन मनाई जा रही कालाष्टमी, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन का महत्व