गाइये गणपति सुबहो शाम,
मंगलमूर्ति मंगलकारी,
पावनकारी तेरो नाम,
गाइये गणपति सुबहों शाम ॥
रिद्धि सिद्धि के तुम ही ज्ञाता,
तुम ही देते विद्या ज्ञान,
भक्तजनों के तुम ही ध्याता,
जग सारा है तेरा धाम,
गाइये गणपति सुबहों शाम ॥
तेरी शरण में जो भी आया,
पाए जग में शीतल छाया,
सारा जग है तेरी माया,
सफल करता तू सब काम,
गाइये गणपति सुबहों शाम ॥
गाइये गणपति सुबहो शाम,
मंगलमूर्ति मंगलकारी,
पावनकारी तेरो नाम,
गाइये गणपति सुबहों शाम ॥
मरना है तो एक बार मरो,
फिर चौरासी में पड़ना क्या,
श्रद्धा रखो जगत के लोगो,
अपने दीनानाथ में ।
म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी,
माता महादेवी है नाम,
विराजी दशरमन में,