गजानन आ जाओ एक बार,
सभा में तुम्हें बुलाते है ॥
सबसे पहले हो तेरी पूजा,
फिर काम बने बाबा दुजा,
हो तेरी पूजा हो हर बार,
सभा में तुम्हें बुलाते है ॥
देवो में देव निराला,
तू माँ गोरा का लाला,
तेरी महिमा अपरम्पार,
सभा में तुम्हें बुलाते है ॥
मैंने तेरा ध्यान लगाया,
तेरा रूप मेरे मन भाया,
करो ख़ुशियों की बौछार,
सभा में तुम्हें बुलाते है ॥
यो अमरहेड़ी त आव,
आनन्द तेरी महिमा गाव,
सबका करदो बेड़ा पर,
सभा में तुम्हें बुलाते है ॥
गजानन आ जाओ एक बार,
सभा में तुम्हें बुलाते है ॥
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। 13 दिसंबर 2024 को मार्गशीर्ष मास का अंतिम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि, मनोकामना पूर्ति और कष्टों के निवारण का प्रतीक है। कुंवारी लड़कियों के लिए यह व्रत विशेष रूप से लाभकारी माना है।
प्रदोष व्रत हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र व्रत है। इसे भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और प्रत्येक वार पर आने वाले प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व और फल है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी कहा जाता है। अनंग त्रयोदशी व्रत प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।