गजानन आ जाओ एक बार (Gajanan Aa Jao Ek Baar )

गजानन आ जाओ एक बार,

सभा में तुम्हें बुलाते है ॥

सबसे पहले हो तेरी पूजा,

फिर काम बने बाबा दुजा,

हो तेरी पूजा हो हर बार,

सभा में तुम्हें बुलाते है ॥


देवो में देव निराला,

तू माँ गोरा का लाला,

तेरी महिमा अपरम्पार,

सभा में तुम्हें बुलाते है ॥


मैंने तेरा ध्यान लगाया,

तेरा रूप मेरे मन भाया,

करो ख़ुशियों की बौछार,

सभा में तुम्हें बुलाते है ॥


यो अमरहेड़ी त आव,

आनन्द तेरी महिमा गाव,

सबका करदो बेड़ा पर,

सभा में तुम्हें बुलाते है ॥


गजानन आ जाओ एक बार,

सभा में तुम्हें बुलाते है ॥

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सांवरिया थारी याद में, अँखियाँ भिगोया हाँ(Sawariya Thari Yaad Me Akhiyan Bhigoya Haan)

सांवरिया थारी याद में,
अँखियाँ भिगोया हाँ,

वो है जग से बेमिसाल सखी (Woh Hai Jag Se Bemisal Sakhi)

कोई कमी नहीं है, दर मइया के जाके देख
देगी तुझे दर्शन मइया, तू सर को झुका के देख

कौन हैं ललिता देवी

माता ललिता को समर्पित यह ललिता जयंती हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। दस महाविद्याओं में से एक है माता ललिता। इन्हें राज राजेश्वरी और ‍त्रिपुर सुंदरी भी कहा जाता है।

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