गजानन करदो बेड़ा पार,
आज हम तुम्हे मनाते हैं,
तुम्हे मनाते हैं,
गजानन तुम्हे मनाते हैं ॥
सबसे पहले तुम्हें मनावें,
सभा बीच में तुम्हें बुलावें,
सभा बीच में तुम्हें बुलावें है ।
॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥
आओ पार्वती के लाला,
मूषक वाहन सूंड सुन्दाला,
मूषक वाहन सूंड सुन्दाला ।
॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥
भक्त जनों ने टेर लगाई,
सबने मिलकर महिमा गाई,
सबने मिलकर महिमा गाई ।
॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥
उमापति शंकर के प्यारे,
तू भक्तों के काज सवारे,
तू भक्तों के काज सवारे ।
॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥
लड्डू पेडा भोग लगावें,
पान सुपारी पुष्प चढावें,
पान सुपारी पुष्प चढावें ।
॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥
गजानन कर दो बेड़ा पार,
आज हम तुम्हे मनाते हैं,
तुम्हे मनाते हैं,
गजानन तुम्हे मनाते हैं ॥
हो सके जो अगर श्याम मेरे
जो हुआ सो हुआ भूल जाओ,
हे जगवंदन गौरी नन्दन,
नाथ गजानन आ जाओ,
होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी
भागन पे आयो है फागण महीना कभू प्रेम की होरी बईं न,
हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,
तेरी ज्योति सबसे न्यारी है ।