गजानन करदो बेड़ा पार,
आज हम तुम्हे मनाते हैं,
तुम्हे मनाते हैं,
गजानन तुम्हे मनाते हैं ॥
सबसे पहले तुम्हें मनावें,
सभा बीच में तुम्हें बुलावें,
सभा बीच में तुम्हें बुलावें है ।
॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥
आओ पार्वती के लाला,
मूषक वाहन सूंड सुन्दाला,
मूषक वाहन सूंड सुन्दाला ।
॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥
भक्त जनों ने टेर लगाई,
सबने मिलकर महिमा गाई,
सबने मिलकर महिमा गाई ।
॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥
उमापति शंकर के प्यारे,
तू भक्तों के काज सवारे,
तू भक्तों के काज सवारे ।
॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥
लड्डू पेडा भोग लगावें,
पान सुपारी पुष्प चढावें,
पान सुपारी पुष्प चढावें ।
॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥
गजानन कर दो बेड़ा पार,
आज हम तुम्हे मनाते हैं,
तुम्हे मनाते हैं,
गजानन तुम्हे मनाते हैं ॥
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख अमावस्या वैशाख मास की अंतिम तिथि है, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। यह दिन पितरों की शांति, पितृ दोष के निवारण, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए बेहद लाभदायक तिथि माना जाता है।
हिंदू धर्म में वैशाख माह की अमावस्या तिथि विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। यह दिन पितरों को स्मरण करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ होता है।
मई का महीना व्रत और त्योहारों को लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहेगा। इस महीने में गंगा सप्तमी, बगलामुखी जयंती, बुद्ध पूर्णिमा जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे। साथ ही ग्रहों की चाल में भी परिवर्तन होने वाला है। आइए इस लेख में मई महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहार के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मई के महीने में प्रकृति अपने चरम पर होती है। पेड़-पौधों पर नए पत्ते आते हैं, फूल खिलते हैं और हर तरफ हरियाली दिखाई देती है। यह समय प्रकृति की सुंदरता को निहारने और उसकी सुंदरता का आनंद लेने का है।