गजानंद आँगन आया जी(Gajanand Aangan Aaya Ji )

म्हारा माँ गौरी का लाल,

गजानंद आंगन आया जी,

आँगन आया जी गजानंद,

आंगन आया जी,

म्हारा माँ गौरी का लाल,

गजानन्द आँगन आया जी ॥

पान चड़ाऊ फूल चड़ाऊ,

और चड़ाऊ मेवा जी,

लडूवन का तो भोग लगाऊं,

श्री गणराया जी,

म्हारा माँ गौरी का लाल,

गजानन्द आँगन आया जी ॥


रिद्धि मनाऊं सिद्धि मनाऊं,

और मनाऊं माँ गौरा जी,

शिव शंकर का ध्यान लगाऊं,

प्रथमे ध्यावा जी,

म्हारा माँ गौरी का लाल,

गजानन्द आँगन आया जी ॥


द्वार सजावा कलश सजावा,

बंदनवार लगावां जी,

धूप दीप और करा आरती,

मंगल गावां जी,

म्हारा माँ गौरी का लाल,

गजानन्द आंगन आया जी ॥


म्हारा माँ गौरी का लाल,

गजानंद आँगन आया जी,

आंगन आया जी गजानंद,

आंगन आया जी,

म्हारा माँ गौरी का लाल,

गजानन्द आँगन आया जी ॥


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मेरी विनती सुनो हनुमान, शरण तेरी आया हूँ (Meri Vinti Suno Hanuman Sharan Teri Aaya Hun)

मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,

आरती अन्नपूर्णा माता जी की (Aarti Annapurna Mata Ji Ki)

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम।
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,कहां उसे विश्राम।

बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला (Bada Hai Dayalu Bhole Nath Damaru Wala)

बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला,
जिनके गले में विषधर काला,

आरती अहोई माता जी की (Aarti Ahoi Mata Ji Ki)

जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता॥

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