गजानंद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में,
चरणन में देवा चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
सूंड सुंडाला दुंद दूण्डाला,
म्हारी सभा में रंग बरसाय,
वारी जाऊं चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
पार्वती रा पुत्र हो प्यारा,
शिव शंकर रा राज दुलार,
वारी जाऊं चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
चढ़न चढ़ावा चूरमो,
थारे लड्डुवन रो भोग लगाय,
वारी जाऊं चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
रणत भवन स्यूं आवो गजानंद,
रिद्धि सिद्धि ने संग में लाय,
वारी जाऊं चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
गजानंद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में,
चरणन में देवा चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
श्री गणपति पद नाय सिर , धरि हिय शारदा ध्यान ।
सन्तोषी मां की करूँ , कीरति सकल बखान ।
शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा है। नौ दिन तक चलने वाले इस महापर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन घटस्थापना करने का विधान है।
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। नौ दिन के इस महापर्व में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।
उपांग ललिता पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।