गजानंद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में,
चरणन में देवा चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
सूंड सुंडाला दुंद दूण्डाला,
म्हारी सभा में रंग बरसाय,
वारी जाऊं चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
पार्वती रा पुत्र हो प्यारा,
शिव शंकर रा राज दुलार,
वारी जाऊं चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
चढ़न चढ़ावा चूरमो,
थारे लड्डुवन रो भोग लगाय,
वारी जाऊं चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
रणत भवन स्यूं आवो गजानंद,
रिद्धि सिद्धि ने संग में लाय,
वारी जाऊं चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
गजानंद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में,
चरणन में देवा चरणन में,
गजानँद जी ने,
ल्यावो रे मनाय,
वारी जाऊं चरणन में ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय एकादशी माता, मैया जय एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय पार्वती माता, मैया जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥