गणपति करते चरणों में हम है नमन (Ganpati Karte Charno Mein Hum Hai Naman)

गणपति करते चरणों में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन,

शिव गौरा के लाल को ध्याते है हम,

हे गणपति तुमको मनाते है हम,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


बड़ी सुन्दर निराली तुम्हारी छवि,

बोलेगी ये मूरत लगे है अभी,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


शीश सुन्दर मुकुट गणपति के सजा,

रूप ऐसा है भक्तो पे जादू करा,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


करे आरती वंदन करे हम भजन,

आपके नाम से ही लगा ली लगन,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


भोग मोदक का ही देवा भाये तुम्हे,

भक्त हाथों से अपने खिलाए तुम्हे,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


अपने भक्तो के देवा तुम कष्ट हरो,

विनती है सदा ही तुम किरपा करो,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


गणपति करते चरणों में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन,

शिव गौरा के लाल को ध्याते है हम,

हे गणपति तुमको मनाते है हम,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥

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भाद्रपद शुक्ल की वामन एकादशी (Bhadrapad Shukal Ke Vaman Ekadashi )

इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन ने कहा- भगवन्! अब आप कृपा कर मुझे भाद्र शुक्ल एकादशी के माहात्म्य की कथा सुनाइये और यह भी बतलाइये कि इस एकादशी का देवता कौन है और इसकी पूजा की क्या विधि है?

माँ ऊँचे पर्वत वाली, करती शेरो की सवारी(Maa Unche Parwat Wali Karti Shero Ki Sawari)

माँ ऊँचे पर्वत वाली,
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अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता (Agar Shyam Sundar Ka Sahara Na Hota)

अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता,
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काल क्या करेगा महाकाल के आगे (Kaal Kya Karega Mahakal Ke Aage)

कर लूँगा दो-दो बात मैं,
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