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गणपति राखो मेरी लाज (Ganpati Rakho Meri Laaj)

गणपति राखो मेरी लाज (Ganpati Rakho Meri Laaj)

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज,

पूरण करियो मेरे काज,

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज ।


सदा रहो खुशहाल,

गणपति लाल,

जो प्रथमें तुम्हे ध्याए,

रिद्धि सिद्धि के दाता,

भाग्यविधाता हो,

सब कुछ तुझसे पाएं,

विनती सुन लो, मेरी आज,

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज ।


गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज,

पूरण करियो मेरे काज,

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज ।


जिसके सर पर हाथ हो,

तेरा नाथ,

उसे फिर कैसा डर है,

जपे जो तेरा नाम,

शुबह और शाम,

तो उसका नाम अमर है,

सब देवों के तुम सरताज़,

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज ।


गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज,

पूरण करियो मेरे काज,

गणपति राखो मेरी लाज,

गणपति राखो मेरी लाज ।

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महाकुंभ से लौटकर घर में क्या उपाय करें

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो चुकी है। पहले अमृत स्नान के दिन लगभग 3 करोड़ 50 लाख श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने पहुंचे। अगर आप भी महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं या लगाने वाले हैं, तो घर लौटने के बाद कुछ विशेष कार्य करना शुभ माना जाता है।

महाकुंभ में पितृ दोष के उपाय

प्रयागराज में संगम पर लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। यदि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं या अपने पूर्वजों की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए बेहद उपयुक्त है। मान्यता है कि पितृ नाराज होने पर जातक की कुंडली में पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है।

अघोरी कैसे बनते हैं

अघोरी बाबा महाकुंभ में आकर्षण केंद्र हैं। अघोरी साधु तंत्र साधना करते हैं। अघोरियों को डरावना और खतरनाक प्रकार का साधु भी माना जाता है। अघोर बनने की पहली शर्त है अपने मन से घृणा को निकाल देना।

यमुना नदी का महत्व

यमुना नदी का महत्व भारतीय संस्कृति, इतिहास और धर्म में बेहद खास है। यह केवल एक नदी नहीं है, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था, जीवन और सभ्यता की आधारशिला है। इस संगम स्थल को "त्रिवेणी संगम" कहा जाता है।

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