गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी (Gauri Ganesh Manau Aaj Sudh Lije Hamari)

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी,

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी ।


सुरहिन गैया को गोबर मनागौं,

दिग धर अगना लीपाऊं,

आज सुध लीजे हमारी ।


गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी,

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी ।


गंगा जल स्नान कराऊँ,

पीताम्बर पहनाऊं,

आज सुध लीजे हमारी ।


गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी,

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी ।


हरी हरी दूब मैं खूब चढ़ाऊँ,

चन्दन घोल लगाऊं,

आज सुध लीजे हमारी ।


गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी,

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी ।


पहली पूजा करूँ तुम्हारी,

लड्डू भोग लगाऊं,

आज सुध लीजे हमारी ।


गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी,

गौरी गणेश मनाऊँ,

आज सुध लीजे हमारी ।

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अन्नपूर्णा जयंती कब है

माता अन्नपूर्णा को हिंदू धर्म में अन्न और धन की देवी के रूप में स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा के कृपा से ही पृथ्वी लोक के सभी जीवों को खाने के लिए भोजन या अन्न प्राप्त होता है।

भोले तेरे चरणों की (Bhole Tere Charno Ki)

भोले तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए,

श्रावण मास की कामिका एकादशी (Shraavan Maas Kee Kaamika Ekaadashee)

युधिष्ठिर ने कहा-हे भगवन्! श्रावण मास के कृष्णपक्ष की एकदशी का क्या नाम और क्या माहात्म्य है सो मुझसे कहने की कृपा करें।

मां काली चालीसा (Maa Kali Chalisa)

जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥

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