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गौरी के लाड़ले (Gauri Ke Ladle)

गौरी के लाड़ले (Gauri Ke Ladle)

गौरी के लाड़ले,

महिमा तेरी महान,

करता है सबसे पहले,

पूजा तेरी जहान,

गौरी के लाडले,

महिमा तेरी महान ॥


चंदन चौकी पे बिराजे,

दाता गजशिश धारी,

शीश स्वर्ण मुकुट,

गले मोतियन माला प्यारी,

रिद्धि सिद्धि अंग संग,

छवि सबसे है न्यारी,

भोग लड्डुवन का लगे,

करे मूसे की सवारी,

पुरे हो काम तब ही,

पहले तुम्हारा ध्यान,

गौरी के लाडले,

महिमा तेरी महान ॥


माता गौरी जी के लाल,

शिव भोले के दुलारे,

रखे भक्तो की लाज,

काज बिगड़े सवारे,

अन्न धन ज्ञान मान,

से वो भरते भंडारे,

तेरा नाम सरल,

जो भी मन से पुकारे,

बिन मांगे लख्खा पाए,

मुंह माँगा तुमसे दान,

गौरी के लाड़ले,

महिमा तेरी महान,

करता है सबसे पहले,

पूजा तेरी जहान,

गौरी के लाडले,

महिमा तेरी महान ॥

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बसंत पंचमी क्या भोग लगाएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। इसी कारण से हर वर्ष इस तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

विनायक चतुर्थी का व्रत कथा

हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी सबसे महत्वपूर्ण दिन माना गया है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन भक्त श्रद्धा पूर्वक पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

विनायक चतुर्थी के उपाय

सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का काफी महत्व है। चतुर्थी का पर्व शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 1 फरवरी 2025 को है। यह दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है।

रथ सप्तमी व्रत के शुभ मुहूर्त

माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रखा जाने वाला रथ सप्तमी व्रत इस साल 4 फरवरी को है। यह व्रत प्रमुख रूप से सूर्य देव को समर्पित है। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।

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