घनश्याम तुम ना आये, जीवन ये बीता जाये (Ghanshyam Tum Na Aaye Jeevan Ye Beeta Jaye)

घनश्याम तुम ना आये,

जीवन ये बीता जाये ॥


तेरा वियोग प्यारे,

अब तो सहा ना जाये,

एक बार आ भी जाओ,

बैठे हो क्यो छिपाये,

घनश्याम तुम ना आए,

जीवन ये बीता जाये ॥


मैं ढूढ़ती थी दर दर,

पर तुम नजर ना आये,

मुझे क्या पता था मेरे,

इस दिल में हो समाये

घनश्याम तुम ना आए,

जीवन ये बीता जाये ॥


जीवन की संध्या बेला,

अब आ चुकी हैं प्रीतम,

उस वक़्त आ भी जाना,

जब प्राण तन से जाये,

घनश्याम तुम ना आए,

जीवन ये बीता जाये ॥


घनश्याम तुम ना आये,

जीवन ये बीता जाये ॥

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चलो मम्मी-पापा चलो इक बार ले चलो (Chalo Mummy Papa Ik Baar Le Chalo)

चलो मम्मी चलो पापा चलो मम्मी चलो पापा
चलो मम्मी चलो इक बार ले चलो

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना! (Kaise Jiun Main Radha Rani Tere Bina)

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥

गणेश जी की आरती व मंत्र

प्रत्येक महीने दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। मार्गशीर्ष महीने में मनाई जाने वाली विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की कृपा पाने का उत्तम समय है।

अगहन को मार्गशीर्ष क्यों कहते हैं

मार्गशीर्ष मास धर्म, भक्ति और ज्योतिषीय महत्व से परिपूर्ण एक विशिष्ट मास माना जाता है। यह मास भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और इसे अत्यंत शुभ भी माना जाता है।

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