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घनश्याम तुम ना आये, जीवन ये बीता जाये (Ghanshyam Tum Na Aaye Jeevan Ye Beeta Jaye)

घनश्याम तुम ना आये, जीवन ये बीता जाये (Ghanshyam Tum Na Aaye Jeevan Ye Beeta Jaye)

घनश्याम तुम ना आये,

जीवन ये बीता जाये ॥


तेरा वियोग प्यारे,

अब तो सहा ना जाये,

एक बार आ भी जाओ,

बैठे हो क्यो छिपाये,

घनश्याम तुम ना आए,

जीवन ये बीता जाये ॥


मैं ढूढ़ती थी दर दर,

पर तुम नजर ना आये,

मुझे क्या पता था मेरे,

इस दिल में हो समाये

घनश्याम तुम ना आए,

जीवन ये बीता जाये ॥


जीवन की संध्या बेला,

अब आ चुकी हैं प्रीतम,

उस वक़्त आ भी जाना,

जब प्राण तन से जाये,

घनश्याम तुम ना आए,

जीवन ये बीता जाये ॥


घनश्याम तुम ना आये,

जीवन ये बीता जाये ॥

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मार्गशीर्ष शुक्ल की मोक्षदा एकादशी (Margshersh Sukal Ki Mouchda Ekadashi) )

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर बोले- हे दशी जनार्दन आपको नमस्कार है। हे देवेश ! मनुष्यों के कल्याण के लिए मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का नाम एवं माहात्म्य वर्णन कर यह बतलाइये कि उसकीएकादशी माहात्म्य-भाषा विधि क्या है?

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