घनश्याम तुम्हारे मंदिर में (Ghanshyam Tumhare Mandir Mein)

घनश्याम तुम्हारे मंदिर में,

मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ,

वाणी में तनिक मिठास नहीं,

पर विनय सुनाने आई हूँ ॥


मैं देखूं अपने कर्मो को,

फिर दया को तेरी करूणा को,

ठुकराई हुई मैं दुनिया से,

तेरा दर खटकाने आई हूँ,

घनश्याम तुम्हारें मंदिर में,

मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ ॥


प्रभु का चरणामृत लेने को,

है पास मेरे कोई पात्र नहीं,

आँखों के दोनों प्यालों में,

मैं भीख मांगने आई हूँ,

घनश्याम तुम्हारें मंदिर में,

मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ ॥


तेरी आस है श्याम निवाणीअणु,

तेरी शान है बिगड़ी बना देना,

तुम स्वामी हो मैं दासी हूँ,

संबंध बढ़ाने आई हूँ,

घनश्याम तुम्हारें मंदिर में,

मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ ॥


समझी थी मैं जिन्हें अपना,

सब हो गए आज बेगाने है,

सारी दुनिया को तज के प्रभु,

तुझे अपना बनाने आई हूँ,

घनश्याम तुम्हारें मंदिर में,

मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ ॥


घनश्याम तुम्हारे मंदिर में,

मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ,

वाणी में तनिक मिठास नहीं,

पर विनय सुनाने आई हूँ ॥

........................................................................................................
माई सबके बाल गोपाल, सदा खुशहाल रहे (Mai Sabke Bal Gopal Sada Khushal Rahe)

माई सबके बाल गोपाल,
सदा खुशहाल रहे,

सफला एकादशी व्रत कैसे करें

साल में 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है। ये सभी भगवान विष्णु को समर्पित होते है। एकादशी व्रत हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रखा जाता है, जो प्रत्येक माह में दो बार आती है।

भगवान विष्णु की पूजा में गाएं ये आरती

नरसिंह जयंती हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह को समर्पित है। यह पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है, जो इस साल रविवार,11 मई को पड़ रही है।

उठ जाग मुसाफिर भोर भई (Bhajan: Uth Jag Musafir Bhor Bhai)

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने