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घुमा दें मोरछड़ी(Ghuma De Morchadi)

घुमा दें मोरछड़ी(Ghuma De Morchadi)

दोहा:

बाबा थारी मोरछड़ी,

घूमे करे कमाल ।

धूम मची खाटू नगर में,

भक्तां करे धमाल ॥

हीरा मोत्या जड़ी जड़ी,

संकट काटे खड़ी खड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


शरण पड्या म्हे थारी अरज करा,

खोलो पट बाबा तेरा दरश करा,

तेरो बहुत बड़ो रे नाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

तेरो बहुत बड़ो रे नाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


सांचो रे दयालु तू तो मेहर करे,

भोला भक्तां की बाबा झोलियाँ भरे,

पुजवा रयो खाटू धाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

पुजवा रयो खाटू धाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


बैठ्यो बैठ्यो मिठो मिठो मुस्कावे,

रोता जो भी आवे हँसता जावे,

लहरी सुमिरा सुबहो शाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

लहरी सुमिरा सुबहो शाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


हीरा मोत्या जड़ी जड़ी,

संकट काटे खड़ी खड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दे मोरछड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥

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क्यों झूठे मुंह मंदिर नहीं जाना चाहिए?

हमारे देश में एक पुरानी कहावत है, "झूठे मुंह मंदिर नहीं जाना चाहिए।" इसका मतलब है कि झूठन मूंह वाले को भगवान के मंदिर में नहीं जाना चाहिए। ये बात हमारी धर्म और संस्कृति से जुड़ी हुई है। जब हम मंदिर जाते हैं तो भगवान से मिलने जाते हैं।

कुंभ के प्रयागराज पहुंचने की पूरी गाइड

महाकुंभ 2025 का इंतजार खत्म होने को है। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से इस भव्य आयोजन की शुरुआत होगी, जो 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन स्नान के साथ संपन्न होगा। संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए करोड़ों श्रद्धालु उमड़ेंगे। इस ऐतिहासिक आयोजन को सुगम बनाने के लिए सरकार ने रेल, बस और हवाई सेवाओं को और सशक्त किया है।

महाकुंभ रूकने की व्यवस्था क्या है?

साल 2025 आ चुका है और इंतजार की घड़ियां अब खत्म होने वाली हैं, क्योंकि महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। यह धार्मिक उत्सव 12 साल बाद एक बार फिर प्रयागराज में होगा, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद है।

कुंभ मेले के आस-पास घूमने की जगहें

जनवरी से कुंभ स्नान और मेला शुरू होने जा रहा है, खास बात यह है कि यह 'महाकुंभ' है, जिसका मुहूर्त 144 साल बाद आ रहा है। अनुमान है कि इस विशाल आयोजन में करीब 40 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे।

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