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घुमतड़ा घर आवो, ओ म्हारा प्यारा गजानन (Ghumta Ghar Aao Mhara Pyara Gajanan)

घुमतड़ा घर आवो, ओ म्हारा प्यारा गजानन (Ghumta Ghar Aao Mhara Pyara Gajanan)

घुमतड़ा घर आवो,

ओ म्हारा प्यारा गजानन,

खेलतड़ा घर आवो,

ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥


ब्रम्हा पधारो विष्णु पधारो देवा,

संग में ले आना सरस्वती को,

ओ म्हारा प्यारा गजानन,

घुमतड़ा घर आवों,

ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥


राम पधारो लक्ष्मण पधारो देवा,

संग में ले आना सीता सती को,

ओ म्हारा प्यारा गजानन,

घुमतड़ा घर आवों,

ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥


डमरू बजावत शिव जी पधारो देवा,

संग में ले आना पारवती को,

ओ म्हारा प्यारा गजानन,

घुमतड़ा घर आवों,

ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥


सिंह चढ़त माँ आवो भवानी,

संग में ले आना नव दुर्गा को,

ओ म्हारा प्यारा गजानन,

घुमतड़ा घर आवों,

ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥


मुरली बजावत कृष्ण पधारो देवा,

संग में ले आना राधा रुक्मण को,

ओ म्हारा प्यारा गजानन,

घुमतड़ा घर आवों,

ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥


बाई मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर,

देना हमको प्रेम भक्ति हो,

ओ म्हारा प्यारा गजानन,

घुमतड़ा घर आवों,

ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥


घुमतड़ा घर आवो,

ओ म्हारा प्यारा गजानन,

खेलतड़ा घर आवो,

ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥

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कब है रामनवमी 2025

श्री राम का जन्म चैत्र नवरात्रि नवमी तिथि के दिन अभिजित नक्षत्र में दोपहर बारह बजे के बाद हुआ था। इस दिन विधिपूर्वक भगवान राम की पूजा की जाती है। इसलिए, रामनवमी का दिन भगवान राम की पूजा के लिए समर्पित होता है।

रक्षाबंधन 2025 कब मनाया जाएगा

हिंदू धर्म में रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। बहनें इस पर्व का सालभर बेसब्री से इंतजार करती हैं। इस दिन वे अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई जीवनभर बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं।

2025 में कब है गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिष्य अपने गुरुओं की पूजा-अर्चना करते हैं। इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह दिन महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है।

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 कब है

साल आषाढ़ माह में ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा में बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं। यात्रा के दौरान तीन रथों पर भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र विराजमान होते हैं।

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