गिरिजा के छैया, गणपति तुम्हे पुकारूँ(Girija Ke Chheya Ganpati Tumhe Pukaru )

गिरिजा के छैया,

गणपति तुम्हे पुकारूँ,

पूजूं मैं तुम्हे,

आरती तेरी उतारूँ,

गिरिजा के छैंया ॥


पान फूल मेवा से,

चरणों की सेवा से,

प्रथम तुम्हे पूजूं,

मैं छवि चित धारण,

गिरिजा के छैंया,

गणपति तुम्हे पुकारूँ,

गिरिजा के छैंया ॥


देव दुष्ट हन्ता हो,

जगत के नियंता हो,

शरण आऊं आपकी,

मैं पइयाँ पखारूँ,

गिरिजा के छैंया,

गणपति तुम्हे पुकारूँ,

गिरिजा के छैंया ॥


रिद्धि सिद्धि दाता हो,

ज्ञान के विधाता हो,

हर लो दुःख देवा,

आशा से तुम्हे निहारूं,

गिरिजा के छैंया,

गणपति तुम्हे पुकारूँ,

गिरिजा के छैंया ॥


गिरिजा के छैया,

गणपति तुम्हे पुकारूँ,

पूजूं मैं तुम्हे,

आरती तेरी उतारूँ,

गिरिजा के छैंया ॥

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मार्गशीर्ष माह के प्रमुख व्रत और पूजा विधि (Margashirsha Maas Ke Pramukh Vrat Aur Puja Vidhi)

मार्गशीर्ष मास हिंदू पंचांग का नौवां माह है, जो कि आश्विन मास के बाद आता है। इस वर्ष मार्गशीर्ष मास की गणना 16 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक है।

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया(Jinka Maiya Ji Ke Charno Se Sabandh Hogaya)

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया
उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥

बिनती सुनिए नाथ हमारी - भजन (Bhajan: Binati Suniye Nath Hamari)

गोपाल गोकुल वल्लभी,
प्रिय गोप गोसुत वल्लभम,

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