गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं (Gopal Gokul Valbhe Priya Gop Gosut Valbham)

गोपाल गोकुल वल्लभे,

प्रिय गोप गोसुत वल्लभं ।

चरणारविन्दमहं भजे,

भजनीय सुरमुनि दुर्लभं ॥


घनश्याम काम अनेक छवि,

लोकाभिराम मनोहरं ।

किंजल्क वसन किशोर मूरति,

भूरिगुण करुणाकरं ॥


सिरकेकी पच्छ विलोलकुण्डल,

अरुण वनरुहु लोचनं ।

कुजव दंस विचित्र सब अंग,

दातु भवभय मोचनं ॥


कच कुटिल सुन्दर तिलक,

ब्रुराकामयंक समाननं ।

अपहरण तुलसीदास,

त्रास बिहारी बृन्दाकाननं ॥


गोपाल गोकुल वल्लभे,

प्रिय गोप गोसुत वल्लभं ।

चरणारविन्दमहं भजे,

भजनीय सुरमुनि दुर्लभं ॥

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क्या है वैदिक मंत्र?

दिक मंत्र सदियों से सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा रहा हैं। ये मंत्र प्राचीन वैदिक साहित्य से उत्पन्न हुए हैं और इनका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और अन्य धर्मग्रंथों में भी मिलता है।

Matsya Jayanti 2025 (मत्स्य जयंती कब मनाई जाएगी)

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रक्षा करो मेरे राम(Raksha Karo Mere Ram)

रक्षा करो मेरे राम,
रक्षा करों मेरे राम,

सूर्यग्रहण में सूतक क्या होता है

हर ग्रहण के दौरान एक सूतक काल होता है। जिसमें कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूतक काल का खास महत्व होता है। यह धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।

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