गुरु शिव को बना लीजिए (Guru Shiv Ko Bana Lijiye)

गुरु शिव को बना लीजिए,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


कर नहीं है तो लाचार है,

है तो ताली बजा दीजिये ।

गुरु शिव को बना लीजिये,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


गुरु सेवा से ही ज्ञान का,

ज्योति दिल में जला लीजिये ।

गुरु शिव को बना लीजिये,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


शिष्य बनने से जो कुछ मिला,

दुसरो को बता दीजिए ।

गुरु शिव को बना लीजिये,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


गुरु शिव से न अच्छे कोई,

अगर हो तो बता दीजिए ।

गुरु शिव को बना लीजिये,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


कर नहीं है तो लाचार है,

है तो ताली बजा दीजिये ।

गुरु शिव को बना लीजिये,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


गुरु शिव को बना लीजिए,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥

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जो तू मिटाना चाहे, जीवन की तृष्णा (Jo Tu Mitana Chahe Jivan Ki Trishna)

जो तू मिटाना चाहे,
जीवन की तृष्णा,

जो विधि कर्म में लिखे विधाता (Jo Vidhi Karam Me Likha Vidhata)

जो विधि कर्म में लिखे विधाता,
मिटाने वाला कोई नहीं,

दिवाली से पहले हनुमान पूजा

हनुमान पूजा या जयंती को लेकर लोगों के मन में हमेशा संशय रहता है, क्योंकि साल में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है।

दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat Katha)

एक समय की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वो जल चढ़ाती थी उस पर पर मां लक्ष्मी का वास था।

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